महाभियोग मामले मेंअमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से बरी हो गए हैं। कैपिटल हिल में हिंसा भड़काने के आरोप में डोनाल्ड ट्रंप को बरी कर दिया है। चार दिन के महाभियोग ट्रायल के बाद पांचवें दिन वोटिंग हुई और इस दौरान 57 सीनेटरों ने डोनाल्ड ट्रंप को दोषी पाया जबकि 43 सीनेटरों ने उन्हें दोषी नहीं पाया। 100 सदस्यों वाले सीनेट में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को जरूरी दो तिहाई बहुमत यानी 67 वोटों की जरूरत थी, जो नहीं मिल सका। इसी दस वोटों की कमी की वजह से डोनाल्ड ट्रंप बरी कर दिए गए।
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति रह चुके हैं जिन्होंने दो बार महाभियोग का सामना किया। इतना ही नहीं, वह पद से हटने के बाद महाभियोग ट्रायल का सामना करने वाले भी अमेरिका के पहले राष्ट्रपति का तमगा हासिल कर चुके हैं। बिल कैसिडी, रिचर्ड बर्र, मिट रोमनी और सुसान कोलिन्स सहित सात रिपब्लिकन सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया। बरी होने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपना बयान जारी किया और सबसे पहले अपने लीगल टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा ‘अमेरिका का कोई भी राष्ट्रपति कभी भी इस तरह से नहीं गुजरा है’। बता दें कि 6 जनवरी को हुई कैपिटल हिल हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगे थे कि उन्होंने ही अपने समर्थकों को उकसाया था, जिसके बाद कैपिटल हिल पर हमला हुआ था और लोगों की जानें गई थीं।
संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश आम तौर पर एक राष्ट्रपति के ट्रायल की अध्यक्षता करते हैं, लेकिन क्योंकि ट्रम्प ने पद छोड़ दिया है। ऐसे में पीठासीन अधिकारी सेन पैट्रिक लीहाइ इस भूमिका में होंगे, जो लंबे समय तक बहुमत दल के सदस्य सीनेट के औपचारिक प्रमुख हैं। एक बार जब सीनेटर महाभियोग के आरोप पर अपने अंतिम मत पर पहुंच जाते हैं, तो हर एक सीनेटर खड़े होकर और इस मामले पर अपना वोट डालता है। ट्रंप के मामले में भी सीनेटर बताएंगे कि वह उन्हें दोषी मानते हैं या नहीं।