सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज

  • कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े
  • लगभग साढ़े पांच घंटे चली 10वें दौर की वार्ता
  •  सरकार ने डेढ़ साल तक इन कृषि कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा

नयी दिल्ली :Agricultural laws  कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए निलंबित करने के सरकार के प्रस्ताव को प्रदर्शनकारी किसान संघों ने खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के वक्तव्य में कहा कि किसान यूनियन और सरकार बात करके समाधान ढूंढ सकते हैं।  किसान नेता  ने कहा कि सरकार जब तक कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लेती, सरकार का कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाएगा। कल हम सरकार को कहेंगे कि इन क़ानूनों को वापस कराना, टरढ पर क़ानूनी अधिकार लेना यही हमारा लक्ष्य है। हमने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया है।आपको बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने के एक प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने बुधवार को आंदोलनकारी किसान संगठनों के समक्ष इन कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को तत्काल तो स्वीकार नहीं किया लेकिन कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। अब 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी। लगभग साढ़े पांच घंटे चली 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने एक से डेढ़ साल तक इन कृषि कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव किसानों समक्ष रखा ताकि इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिध आपस में चर्चा जारी रख सकें और दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान इस कड़ाके की ठंड में अपने घरों को लौट सकें।

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