रांची: झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी की ओर से जोहार परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके जरिए ग्रामीण परिवारों को उत्पादक समूह और कंपनियों से जोड़कर उन्नत खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई, लघु वनोपज जैसी गतिविधियों से जोड़कर उनकी आय में गुणात्मक बढ़ोतरी के कार्य हो रहे हैं। जोहार एग्री मार्ट इसके तहत एक अभिनव पहल है। 11 जिलों में एग्री मार्ट का संचालन हो रहा है। इसके संचालन में महिलाओं की भूमिका अतुल्य है। यह व्यवस्था किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है।
जोहार एग्री मार्ट में उत्तम खाद, बीज, कृषि यंत्र सुविधा, मौसम की जानकारी, बाजार सुविधा, मिट्टी जांच, मछली/पशु चारा आदि सेवाएं प्रदान की जा रही है। एग्री मार्ट के जरिए खाद-बीज के अलावा अन्य कृषि सामाग्री की भी बिक्री की जा रही है। उत्पादक कंपनी से जुड़े किसानों को एग्री मार्ट के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए तकनीकी सलाहकारों से जोड़ा गया है। ये सलाहकार सुबह 10।30 से शाम 5 बजे तक रोजाना किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी और दिक्कतों का हल बताते हैं।
एग्री मार्ट ने कृषक मित्रों एवं किसानों को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़ रखा है, जिससे किसान बस एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए फसल या पशु की तस्वीर साक्षा कर उससे संबंधित सहायता व्हाट्सएप पर ही प्राप्त कर रहे हैं। जेएसएलपीएस के एक अधिकारी ने बताया कि 11 एग्री मार्ट के जरिए करीब चार हजार किसानों को सेवा उपलब्ध कराकर करीब 73 लाख का कारोबार किया गया है।गिरिडीह के मधुपुर उत्पादक समूह से जुड़ी यशोदा ने बताया कि पहले जानकारी और संसाधनों के अभाव में किसानों को ठगा जाता था। अक्सर दुकानदार एक्पायरी बीज दे दिया करते थे लेकिन जोहार एग्री मार्ट से जुड़ते ही यह समस्या दूर हो गई। इसके जरिए दस प्रतिशत कम कीमत पर खाद और बीज मिला। इसी का नतीजा है धान की अच्छी फसल हुई। फिलहाल यशोदा मिर्च की खेती कर रही है।