गुंटूर: आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पेदलंदरिकी इल्लु योजना’ के तहत महज 20 दिनों में तैयार कर दिए पहले घर का मालिकाना हक़ लेने वाला पहला कपल बन गया है गुंटूर जिले के सत्तनापल्ली मंडल की नराला रत्नाकुमारी और सत्यनारायण रेड्डी की जोड़ी। बता दें कि नवरत्नालु कार्यक्रम के तहत कोमारापुड़ी गांव में रहने वाली इस जोड़ी को रविवार को ‘हाउस वार्मिंग सेरेमनी’ के दौरान यह घर दिया गया है। नरासारावपेट के सांसद लावु श्रीकृष्णा देवरायलू, सत्तेनपल्ली के विधायक अंबाटी रामबाबू और एमएलसी डोक्का मानिक्याम वरप्रसाद भी इस समारोह में मौजूद थे।गौरतलब है कि 3.22 एकड़ के लेआउट में 117 प्लाॅट बांटे गए हैं, जो एक माॅडल काॅलोनी के तौर पर विकसित की जाएगी। इस काॅलोनी का नाम वाईएसआर काॅलोनी रखा जाएगा, जहां सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया होंगी।इस अवसर पर सांसद कृष्णा देवरायलु ने इतने बड़े प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा करने और कई जरूरतमंदों को उनका खुद का घर दिलाने को लेकर अपनी शुभकामनाएं दी हैं।बता दें कि आंध्र प्रदेश में दैनिक मजदूरी करने वाला यह कपल अब तक किराये के मकान में रह रहा था। रत्ना कुमारी को आंध्र प्रदेश की जगन सरकार ने 340 स्क्वायर यार्ड की जमीन की डीड सौंपी थी, जिन्हें पिछले महीने 26 दिसंबर को महिला लाभार्थियों को दिया गया था और उसी दिन इस मकान के निर्माण की नींव रख दी गई थी।रत्नाकुमारी ने राज्य सरकार के तीन ऑप्शंस में से दूसरे ऑप्शन को चुना था, जिसके तहत लाभकर्ता को निर्माण कार्य हेतु जरूरी मटेरियल खुद ही खरीदना होता है। फिर वह जैसे चाहे, घर बना सकता है।सरकार से मिलने वाले 1.80 लाख रुपये की सहायता राशि में खुद 1.20 लाख रुपये की राशि मिलाकर कुल 3 लाख रुपये की लागत से मकान के निर्माण का कार्य पूरा कर दिया जाता है। घर का निर्माण स्तंभ और टाइल्स के साथ नियमानुसार किया जाता है।