भारत बंद: कल सुबह 11:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक चक्काजाम

किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हाल ही में लागू खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ बंद के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए

नयी दिल्ली। किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हाल ही में लागू खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ बंद के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को नये कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा। आंदोलनकारी किसानों ने ऐलान किया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच वे टोल प्लाजाओं को बंद कर देंगे।

सिंघु बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत कहा कि जैसा पब्लिक सपोर्ट मिल रहा है चार घंटों के संपूर्ण बंद में सफलता की उम्मीद है। आम जनता ड्यूटी के लिए 10 बजे से पहले ऑफिस जा सकती है। जो जहां संभव हो वहां बंद करे, लोग अपना गांव अपनी सड़क के तहत NH पर बैठें। दुकानदार लंच के बाद दुकानें खोलें।

कृषि कानूनों में संशोधन की केंद्र की पेशकश का उल्लेख करते हुए एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार कानूनों में बदलाव करने के लिये क्यों राजी हो रही है, जबकि शुरुआत में उसने दावा किया था कि यह किसानों के लिये फायदेमंद होगा। कल पूरे दिन बंद का अवलोकन किया जाएगा। दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम। यह एक शांतिपूर्ण बंद होगा। हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक नेताओं को अनुमति नहीं देंगे।

भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाकर रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की। राजेवाल ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा। हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे।’’

दर्शन पाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार पुराने कृषि कानूनों को फिर से बहाल करे, भले ही वह सोचती है कि यह किसानों के लिये फायदेमंद नहीं है। भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है, सबसे अपील है कि इसे ज़ोर-ज़बरदस्ती से न करें। राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हैं। सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।

 भारत बंद: दिल्ली में यातायात सेवाएं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो सकती है बाधित

केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ में कैब चालकों एवं मंडी कारोबारियों के कई संघों ने शामिल होने का फैसला किया है, जिससे मंगलवार को शहर में यातायात सेवा और फलों एवं सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो सकती है। कुछ टैक्सी और कैब संघों ने एक दिन की हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है। कारोबारियों का एक समूह भी किसानों की मांग का समर्थन कर रहा है, जिसके कारण बड़ी सब्जी एवं फल मंडियों में काम बाधित होने की आशंका है। आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा, ‘‘मुझे कई कारोबारी संघों ने मंगलवार की हड़ताल के लेकर फोन किया है। मुझे लगता है कि गाजीपुर, ओखला और नरेला की मंडियां किसानों द्वारा बुलाए ‘भारत बंद’ के कारण बंद रहेंगी।’’ खान ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर लोगों से अपील की है कि वे देश को भोजन देने वाले किसानों का समर्थन करें। इस बीच, दिल्ली के ‘सर्वोदय चालक संघ’ के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि मंगलवार को ओला, उबर और ऐप आधारित अन्य टैक्सी सेवाओं से जुड़े चालक सेवाएं नहीं देंगे। ‘दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष संजय सम्राट ने एक बयान में कहा कि ‘दिल्ली स्टेट टैक्सी कोऑपरेटिव सोसाइटी’ और ‘कौमी एकता वेलफेयर एसोसिएशन’ समेत कई संघ हड़ताल में शामिल होंगे। हालांकि कई अन्य ऑटो और टैक्सी संघों ने किसानों की मांगों का समर्थन करने के बावजूद सामान्य सेवाएं जारी रखने का फैसला किया है। 

 

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