पटना : सगुना मोड डीएस बिजनेस पार्क के दुसरे तल्ले पर स्थित ट्टष्टिकुंज नेत्रालय में एक माह तक प्री-मैच्योर न्यू बोर्न की फ्री आरओपी स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी नीकु में इस संबंध में सूचना भी भेजी गयी है ताकि आरओपी डिटेक्ट हो सके। आरओपी से ग्रसित प्रीटर्म बेबी को लेजर, इंट्राविट्रियल इंजेक्शन की जरुरत पडती है, इस नेत्रालय में अभियान के तहत बहुत किफायती दर पर उपचार किया जाएगा। नवजात शिशुओं में होनेवाली गंभीर बीमारी रेटिनोपैथी प्री-मैच्योरिटी (आर.ओ.पी.) के संबंध में निदेशक डाॅ निम्मी रानी एवं डाॅ रणधीर कुमार ने कहा कि शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों से अनुरोध है कि वे सभी नवजात शिशुओं का आरओपी स्क्रीनिंग 1 माह के उम्र में अवश्य कराएं जिनका वजन 2 किलो से कम हो या 35 सप्ताह से कम उम्र में जन्म हुआ हो। साथ ही उन्हीं बच्चों को आक्सीजन दिया जाये जिनका एसपीओ-टू 90 प्रतिशत से कम हो। चिकित्सकों को ध्यान देना चाहिए कि नवजात बच्चों का एसपीओ-टू 90 से 95 प्रतिशत के बीच रखा जाय। इससे अधिक एसपीओ-टू होने पर आरओपी का खतरा समय से पहले जन्मे कमजोर बच्चों को बढ़ जाता है।दृष्टिकुंज नेत्रालय के रेटिना विशेषज्ञ डाॅ कुमार निशांत ने कहा कि आरओपी प्रीमैच्योर बच्चों में आजीवन अंधता का आम कारण बन चुका है यदि उनका स्क्रीनिंग और इलाज समय पर नहीं हो पाये । उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के इलाके के शिशुरोग विशेषज्ञों के जरिए इस तरह का केस सामने आने पर दृष्टिकुंज नेत्रालय अपने प्रयास से आरओपी के इलाज में काफी हद तक सफल रहा है। दृष्टिकुंज नेत्रालय की इस पहल से अपने प्रदेश के बच्चों के आरओपी केयर में ज्यादा सहायता मिलेगी और उन्हें आजीवन अंधता से बचाया जा सकेगा। साथ ही इस अभियान से आमलोगों में जागरुकता पैदा करने में मददगार और नवजात शिशुओं के इलाज में भी सहायक होगा।