नागा विद्रोही संगठनों का कठोर रुख

गुवाहाटी: नागालैंड का सबसे सशस्त्र विद्रोही समूह एनएससीएन-आईएम ने अलग झंडे और संविधान की मांग को लेकर शांति समझौते को अधर में लटका दिया है। दरअसल, एनएससीएन-आईएम अलग ध्वज और संविधान की मांग पर अड़ गया।एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि एनएससीएन-आईएम के रुख को दोहराने के लिए नागा सदन ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव अपनाया है कि ह्यनागा राष्ट्रीय ध्वज और येहजबाओ को नागा सौदे को सम्मानजनक और स्वीकार्य बनाने के लिए भारत-नागा राजनीतिक समाधान का हिस्सा बनना चाहिए। एनएससीएन-आईएम ने कहा कि भारत सरकार झंडे और संविधान पर एक अलग बात करके गलत संकेत भेज रही है जो फ्रेमवर्क समझौते के साथ सहमत नहीं है। इसी के साथ फ्रेमवर्क समझौते ने नागा ध्वज और संविधान पर अलग से बात करने की कोई गुंजाइश नहीं दी है। सूचना और प्रचार मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह समझा जाना चाहिए कि फ्रेमवर्क समझौता अद्वितीय इतिहास की बात करता है। संगठन ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर गहराई से ध्यान केंद्रित करने के लिए एक बाहरी चिंता का विषय बन गया है। जो कि भारत सरकार के साथ बातचीत का ध्यान अब मुख्य रूप से नागा ध्वज और संविधान पर है।
यही नहीं एनएससीएन-आईएम ने आरोप लगाया कि नागालैंड के राज्यपाल के रूप में तत्कालीन वातार्कार स्टिकिंग पॉइंट फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के साथ कुल विरोधाभास में है। रवि ने संसदीय स्थायी समिति को एक भ्रामक रिपोर्ट दी है। जो कि ऐसी रिपोर्टें जो एनएससीएन-आईएम की बातचीत करने वाली टीम के साथ किसी भी समझौते से नहीं जुड़ी हैं। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने नागा राजनीतिक मुद्दे के जल्दी समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आह्वान करते हुए कहा कि केंद्र और वातार्कारों के बीच उनकी सरकार सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ पीडीए गठबंधन में नागा राजनीतिक मुद्दा शीर्ष पर है । उन्होंने बताया,केंद्र सरकार और नागा राजनीतिक समूहों के बीच जारी बातचीत में हम सक्रिया भूमिका अदा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । इस राजनीतिक गुत्थी का समाधान नागा के लिए सम्माननीय, समावेशी और स्वीकार्य होना चाहिए । दूसरी ओर, नागालैंड का सबसे सशस्त्र विद्रोही समूह एनएससीएन-आईएम ने नागालैंड के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि को हटाने की मांग कर रही है। एनएससीएन आईएम ने कहा है कि अगर नागालैंड में आर एन रवि राज्यपाल के रूप में रहेंगे तो पूरे उत्तर पूर्व में अशांति फैलेगी। इस राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि के कारण उत्तर -पूर्वांचल में अशांति हो रहा है। एनएससीएन-आईएम ने आरोप लगाया कि राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि ने असम राइफल जवानों को एनएससीएन-आईएम को मारने के लिए निर्देश दिये हैं। उग्रवादी समूह ने एक बयान में कहा कि केन्द्र सरकार को शांति वार्ता आगे बढ़ाने के लिए नये वातार्कार को नियुक्त करना चाहिए। समूह ने कहा, ह्यह्यलगातार छह प्रधानमंत्रियों से होकर गुजरने वाली 23 साल की राजनीतिक वार्ता का सारा परिश्रम वातार्कार के शरारतपूर्ण कृत्य के कारण व्यर्थ हो रहा है और यह वातार्कार एक बोझ बने गये हैं।

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