विशेष संवाददाता
पटना : बिहार की राजनीति में सन ऑफ मल्लाह का तगमा लगाकर अपने समुदाय के वोट बैंक के सहारे बिहार की राजनीति में स्थापित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।हम बात कर रहे हैं मुकेश सहनी की।उन्होंने बिहार चुनाव से पूर्व महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए के साथ हो लिए। एनडीए के साथ होते ही भाजपा ने अपने कोटे से 11 सीटें देकर उन्हें सिरमौर किया।बिहार की राजनीति में स्थापित होने से पूर्व वह भाजपा के साथ ही घूम घूम कर 2015 में चुनाव प्रचार कर रहे थे। भाजपा ने उन्हें जाति विशेष निषाद वोट बैंक के को लेकर उनका साथ लिया था। लेकिन 2015 में के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बुरी तरह हार की वजह से वे फिर से मुंबई का रुख कर लिया। मुंबई में उनकी सिने वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी चलती है और इस कंपनी को चलाने के लिए वह अपने रिश्तेदारों को रखा है।
मीडिया में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक मुकेश बिहार में दरभंगा जिले के सुपौल बाज़ार के निवासी हैं। 19 साल की उम्र में वह घर से भागकर मुंबई पहुंच गए थे। इसके बाद वह कुछ दिन लौट आए लेकिन गांव में मन न लगने पर वापस मुंबई लौट गए। वहां पहुंचकर उन्होंने शुरुआत में एक कॉस्मेटिक स्टोर में सेल्समैन की नौकरी की लेकिन इसके बाद मुकेश के दिमाग में फिल्म, सीरियल्स और शोज के सेट्स बनाने के बिज़नेस शुरू करना का आइडिया आया। कहते हैं थोड़े ही दिनों में उन्हें नितिन देसाई की शाहरुख खान स्टारर फिल्म देवदास का सेट बनाने का ऑफर मिल गया। इस तरह अपने बिजनेस में शुरुआती सफलताएं मिलने के बाद उन्होंने मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई और अच्छा पैसा कमाया।हम बात कर रहे हैं विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और सन और ऑफ अल्लाह के नाम से प्रचलित मुकेश साहनी का। मुकेश साहनी की पढ़ाई सिर्फ आठवीं क्लास तक हुई है। वह मुंबई में सेट डिजाइन का काम करते हैं। जिसके लिए उन्होंने बाकायदा सिने वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना रखी है। मुंबई में मुकेश साहनी ने काफी नाम कमाया और नाम कमाने के बाद बिहार की राजनीति में पदार्पण किया। मुकेश साहनी नीतीश कुमार के कट्टर समर्थक रहे हैं। 2015 के चुनाव में तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने 40 सभाओं में हेलीकॉप्टर से मुकेश सहनी को घुमाया करते थे और संयुक्त रूप से सभाएं भी करते थे।शुरू में मुकेश ने मल्लाह (निषाद) जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के लिए प्रदर्शन किया। इस पर बिहार कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया और केंद्र को भेज दिया। इस तरह मुकेश नीतीश के करीब आ गए और एक तरह से उन्हें समर्थन का ऐलान कर दिया। साल 2015 में जब नीतीश, लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे उस समय मुकेश, अमित शाह के करीब आ गए और उनके साथ चुनाव प्रचार करने लगे। लेकिन जब नतीजे आए तो बाजी लालू-नीतीश के हाथ लगी और भाजपा ने धीरे से मुकेश से किनारा कर लिया। इसी के बाद उन्होंने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रैली की और खुद की पार्टी बनाई, जिसका नाम रखा विकाशसील इंसान पार्टी।
2013 से सक्रिय और साल 2015 में राजनीति में फेल
बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुकेश सहनी की जमकर तारीफ की थी। लेकिन वह पिछले 1 वर्ष से बिहार की सक्रिय राजनीति में है और मल्लाह जाति के वोट को एकजुट करने के काम में जुटे हैं। मुकेश सहनी फिलवक्त भाजपा के समर्थन से सहरसा से सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव में सियासी ताल ठोक रहे हैं। बहरहाल यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि उनकी चुनावी गणित कितना सफल रहा है।