जब रुड़की के एक्वाडक्ट को देखकर अभिभूत हो गए भारतेंदु
डॉ गोपाल नारसन एडवोकेट
एक बार भारतेंदु हरिश्चंद्र रुड़की से होकर हरिद्वार गए तो रुड़की की ऐतिहासिक गंगनहर को देखकर अभिभूत हो गए।यह तथ्य स्वयं भारतेंदु हरिश्चंद्र ने अपने यात्रा वृत्तांत संस्मरणों में लिखा है।उनके द्वारा यह यात्रा सन 1871 में की गई थी।अपनी हरिद्वार यात्रा में…
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