मेरा यह पुनर्जन्म सिर्फ लोक सेवा के लिए: अनिल बलूनी
ऋषिकेश। मैने मौत को बहुत करीब से देखा है। जब में अस्पताल में आईसीयू में भर्ती था तो हर रोज मौत का सामना करता था। मन में बस एक ही टीस रहती थी जीवन में समाज के लिए कुछ करना अधूरा रहेगा गया। अब जब मौत को हराकर समाज सेवा करना का मौका पार्टी ने दिया है तो कुछ हटकर करने की दिल में ख्यासी है। ताकि मेरा…
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