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असली गुनाहगार कौन?
भाजपा प्रत्याशी को हराने वालों के खिलाफ शिवराज ने साधी चुप्पी
बड़े-बड़े नेता हार की समीक्षा कर एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा
हाल ही में हुए दमोह विधानसभा उपचुनाव हुआ जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राहुल लोधी को 17 हजार से अधिक वोटों से अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा।…
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नरम पड़ते कैप्टन
पंजाब के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ विजिलेंस जांच और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘मी-टू’ मामले में कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस…
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असम में गौ सरंक्षण विधेयक लाने की तैयारी
अनिरुद्ध यादव
गुवाहाटी। असम की हिमंत विश्वशर्मा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक और असम विधानसभा के पहले सत्र में पेश राज्यपाल के अभिभाषण से स्पष्ट संकेत दे दिया कि वर्तमान असम सरकार उन सभी कार्यों को करेगी, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके सहयोगी संगठनों को भाती है और हिंदू-हिंदुत्व के फलसफे के…
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दरकते रिश्ते, सिसकती मर्यादा
राधा कृष्ण प्रसाद
कोलकाता।रणनीति तो थी बंगाल को मोदीमय, भगवामय बनाने की, लेकिन बंगाली अस्मिता, संस्कृति और परंपरा की रक्षा के नाम पर बंगाल ममतामय हो गया और राज्य के साथ केंद्र, राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी और गहरा गयी। रणनीति जब तार-तार होती है, सपने जब चकनाचूर होते हैं, दावे जब धूलिसात होते…
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…और फट गया उत्सव का ढोल
मौहम्मद शाहनजर
देहरादून। इंसान की फितरत यह है कि वह बहुत जल्द भूल जाता है। इस फितरत का सर्वाधिक फायदा हमारे भारत देश में सियासी दलों ने उठाने का हुनर सीख लिया है। यह लाभ-हानि का तिलिस्म पिछले 70 सालों से जनता को जकड़े हुए है।
उदाहरण के तौर पर चुनाव में मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा कर सत्ता पर…
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हारकर भी जीतना सिखाया
अमरेंद्र कुमार राय, वरिष्ठ पत्रकार
सुंदर लाल बहुगुणा नहीं रहे। वैसे तो वे पहाड़ के पर्यावरणवादी के रूप में मशहूर थे लेकिन उन्हें देखकर कोई भी गांधी वादी समझ बैठता था। उनका पहनावा, उनका शांतिमय व्यक्तित्व और चेहरे पर मुस्कान लिए सौम्यता हर किसी को प्रभावित करती थी।
अन्य लोगों से अधिक…
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आओ, हम सब पॉजिटिव हो जाएं!
वीरेंद्र सेंगर
देखिए! संशय में नहीं रहिए! मैं ‘वो’ वाला पॉजिटिव होने की बात नहीं कर रहा। मैं तो सकारात्मकता फैलाने की बात का समर्थन कर रहा हूं। जिसका प्रलाप हमारे साहेब! और उनके खास बंदे करते रहते हैं। न्यू इंडिया का यंगिस्तान शायद सकारात्मकता के ठीक मायने ना समझे, इसलिए सरल हिंदुस्तानी में बता…
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