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विचार

बाघों का कम होना वाकई चिंताजनक

वन विभाग के आंकड़ों पर ध्यान दिया तो इस साल कुल 19 बाघ मरे हैं जिनमें 8 मौतें तो कार्बेट में हुई हैं। वन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सर्वाधिक मौतें अर्थात 15 कुमाऊं में हुई हैं जबकि 4 मौतें गढ़वाल मंडल में हुई हैं। इसका मतलब यह है कि कुमाऊं मंडल बाघों के लिए काफी संवेदनशील रहा है। ऐसे में…
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टनल हादसों से सबक लेने की दरकार

 डॉ. गोपाल नारसन । दीपावली के दिन ऑल वेदर रोड के लिए बन रही सुरंग का एक हिस्सा बैठ जाने से उत्तरकाशी (  Uttarkashi) से गंगोत्री मार्ग पर अचानक सुरंग में काम कर रहे 40 मजदूर अंदर ही फंस गए। चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिल्क्यारा-पोल गांव सुरंग में कई दिनों से 40 श्रमिकों  (Workers) की…
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शबाब पर विधानसभा चुनाव

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में कांग्रेस दमदार फाइट में पांच राज्यों में भाजपा के सामने आसान हासिल करना बना चुनौती अमित नेहरा, नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly elections)  वोटिंग की शुरुआत हो चुकी है। क्योंकि बीते सात नवम्बर को ही मिजोरम और छत्तीसगढ़ के प्रथम…
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धुआं-धुआं जिंदगी

 दिवाली के बाद दिल्ली बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर चीन का मॉडल अपना कर भारत भी कर सकता है प्रदूषण का परमानेंट इलाज अमित नेहरा, नई दिल्ली। वो चार दिसंबर 1952 की सुबह थी। ग्रेटर लंदन में कम दबाव के चलते हवा में निर्वात की स्थिति बनी हुई थी। हवा बिल्कुल भी नहीं चल रही थी। ठंड बहुत ज्यादा थी।…
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विकास की अंधी सुरंग

विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्ट्स में बार बार चेतावनी दी गयी है और हिमालयी राज्य में निर्माण के लिए कड़े मानक लागू करने तथा प्रकृति के अनुरूप विकास परियोजनाएं बनाने की जरूरत बतायी जाती रही है। लेकिन विकास की अंधी दौड़ में शामिल राज्य और केंद्र सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही हैं। आज जरूरी है कि केंद्र…
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चुनावी जंग में उलझे महारथी

क्या चुनाव के कारण ताक पर रख दी विदेश नीति? इजरायल अहम फैक्टर होगा चुनाव में पितृ पक्ष में उम्मीदवारों की लिस्ट क्या सनातनी परम्परा? चर्च की भी रहेगी भूमिका? किस राज्य में किसके बीच है मुख्य मुकाबला राजनीतिक दलों में क्यों खौफ है एमपीएफ का -अमित नेहरा, नई…
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छत्रप तय करेंगे राज्यों के चुनाव !

मोदी का चेहरा सामने होने के बावजूद भाजपा को करनी पड़ रही मशक्कत   बदली राजनीति के बीच कोई भी दल किसी भी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ रहा डॉ. प्रभात ओझा, नई दिल्ली। ये चुनाव लोकसभा निर्वाचन के लिए सेमीफाइनल की तरह है, यह बात भुला देनी चाहिए। आम तौर पर दोनों चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़े जाते…
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हुकुम का फरमान

वे कहते हैं की सरकारी अधिकारियों को सरकार का प्रचार करने के लिए क्यों लगाया जा रहा है? यह तो नासमझी की बात है। सरकारी महकमा, तो चुनी हुई सरकार की सेवा-टहल की लिए ही होता है। जब संक्रमण काल हो, तो किताबी मर्यादाओं को राष्ट्रहित में तोड़ना भी गुनाह थोड़ा है! लेकिन यह विपक्षी इतना भी नहीं जानते! हर अच्छे…
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इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष को चुनावी हथियार बनाने की तैयारी!

वीरेंद्र सेंगर ठीक एक सप्ताह के भीतर इजरायल-हमास (Israel-Hamas) के खूनी संघर्ष से पूरी दुनिया के सामने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा है। दुनिया दो खेमों में बटती नजर आ रही है। 13 अक्टूबर को दोपहर के बाद इजरायल ने गाजा के तमाम रिहायशी इलाकों में हवाई हमले दोबारा किये। तमाम समझाइश के बाद भी…
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