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विचार

महामारी पर राजनीति?

महामारी से निपटना केंद्र सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। यदि ऐसा करने में कुछ आर्थिक दिक्कत है तो कंपनियों से बात करके सरकार को केंद्र व राज्यों के लिए टीके का एक ही रेट तय करना चाहिए... धर्मपाल धनखड़ देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर चरम पर है। सरकारी आंकड़ों पर विश्वास करें तो संक्रमण…
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शव महोत्सव!

कोरोना काल चल रहा है। अवतार की तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों के तड़पने और मरने का सिलसिला थम नहीं रहा। सरकारी आंकड़ा ही मान लें तो लाखों लोग स्वर्ग सिधार चुके हैं। नासमझ लोग, इसके लिए चुने हुए अवतार की तरफ उंगली उठा रहे हैं। यह सरासर नाइंसाफी है.... वीरेंद्र सेंगर यह नया इंडिया है।…
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कोरोना: सरकार भी क्या करे        

जब कोरोना के खिलाफ रणनीति बनानी थी, तब सरकारों ने कुछ किया ही नहीं। अब जब पूरे देश में संक्रमण फैल गया है तो सरकारें भी तरह-तरह की कहानियां सुना रहीं हैं। अब आम आदमी को आगे आना होगा...  रणविजय सिंह बेकाबू होते कोरोना के सामने केंद्र के साथ ही अब राज्य सरकारें भी असहाय दिख रही हैं।  इस बीच…
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कोरोना काल में पत्रकारों पर संकट

महामारी के इस भयावह दौर ने हमे बहुत कुछ दिखा -सुना और समझने को मजबूर भी किया है ? वे चेहरे भी नग्न हो गए जिन्हें हमने इस देश की सत्ता इस आस के साथ सौपीं थी कि बुरे और मुशीबत के समय ये सरकारे जनता को राहत  के मरहम से सुकून देने का काम करेंगी? प्रदेश में भोलो-भाली ,निरीह जनता की मौत का ताण्डव अपनी…
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 कोरोना विस्फोट: जिम्मेदार कौन

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हमारी सरकार से अति आत्मविश्वास के चलते भारी चूक हुई है। शीर्ष नेतृत्व को अपनी गलती पर पर्दा डालने की बजाय आगे बढ़कर भूल को स्वीकार करते हुए लोगों की जान बचाने के लिए जो भी करना चाहिए वो शीघ अतिशीघ्र करना चाहिए। विपक्ष को भी महामारी के इस दौर में राजनीति करने की…
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आओ चलो पप्पू हो जाएं

हम जिस पप्पू की बात कर रहे हैं, उसका मौलिक नाम लेने की भी जरूरत नहीं हैं, क्योंकि हमें पता है कि ये काॅलम पढ़ने वाले इतने गधे नहीं हो सकते। पप्पू नामकरण करने वाले, गधे-घोड़े या खच्चर हों, तो मुझे हैरानी भी नहीं होगी। देश का समयकाल बड़े उलट फेर वाला है। पप्पू ही सच्चा साबित हो रहा है... वीरेंद्र सेंगर…
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पुण्य स्नान में बटती रही मौत!

हरिद्वार कुंभ के कारण संक्रमण के फैलाव की आशंका कई गुना बढ़ी: प्रो. दुबे   जनता आगामी 15 दिनों तक बनाए रखें गंगा स्नान से दूरी: प्रो. त्रिपाठी -डा. श्रीगोपाल नारसन, एडवोकेट, देहरादून। कुंभ का कैसा यह साया कोरोना का कहर बरपाया जिंदगी जैसे थम गई हो डर से सहम सी गई हो घर में रहने को…
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बेवफा कोरोना

पहली बार कोई पवित्र काया, ऊंची गद्दी पर बैठी है। उस पर भी अविश्वास! भाई ये तो घोर कलियुग है। यहां जनता के अवतार पर भी सवाल-दर-सवाल, मेरा तो दिल बैठा जा रहा है। कैसे बेवफा लोग हैं? वे कोरोना पर भी शक कर रहे हैं। कह रहे हैं ये वायरस नहीं है महज सियासत है। लो कल्ल लो बात!... मैं चिल्ला कर कह रहा…
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खतरनाक दौर में कोरोना

देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था दूसरा झटका सहन करने की स्थिति में नहीं है। वैक्सीन की कमी को देखते हुए उसके निर्यात पर रोक लगाने और विदेशी वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत देना सराहनीय कदम है। सरकार के एक भी काम से अविश्वास की भावना नहीं पनपनी चाहिए... देश में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर है। रोजाना 1.60…
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