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आलेख

बाबा साहब, भारतीय संविधान और मौजूदा खतरे

आलेख : बादल सरोज डॉ. अम्बेडकर संविधान निर्माता माने जाते हैं। निस्संदेह वे ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे और विराट बहुमत से चुने गए थे। संविधान में उनकी विजन - नजरिये - का महत्वपूर्ण योगदान है। किन्तु उन्हें यहीं तक सीमित रखना उनके वास्तविक रूप को छुपाने की साजिश का हिस्सा बनना होगा। गाँव-गाँव…
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अब व्यापार के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण : शर्बत भी बंटा हिन्दू और मुस्लिम में!

आलेख : संजय पराते रामदेव के संघी झुकाव के बारे में सब जानते हैं। सब जानते है कि उसके भगवा चोले के अंदर एक कॉर्पोरेट बैठा हुआ है। रामदेव संघ-भाजपा की हिंदुत्व और कॉर्पोरेट गठजोड़ की राजनीति का नमूना भी है और उसका उत्पाद भी। इस रामदेव को लोगों ने सलवार-कुर्ता में डरकर भागते भी देखा है। इस पहनावे को…
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जंगलराज के साये में तेजस्वी

प्रमोद झा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया ’एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में लिखा है ‘कमल का कमाल, बर्बादी के 20 साल’, जिसपर लोगों ने अपने-अपने तरीके से प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। तेजस्वी ने यह पोस्ट उस दिन किया जिस दिन बिहार में कुदरती कहर से 80 से ज्यादा लोगों की जानें जाने…
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बिन मर्यादा सब सून

राजेंद्र शर्मा  लीजिए, अब क्या लोकसभा के स्पीकर जी मर्यादा के पालन का उपदेश भी नहीं दे सकते? कुर्सी का नाम स्पीकर और जरा सा उपदेश देने पर इतनी बक-झक। और उपदेश भी कैसा? मर्यादा के पालन का उपदेश। बेचारे ओम बिड़ला जी ने विपक्ष के नेता को सदन में जरा मर्यादा में रहने की शिक्षा क्या दे दी, भाई लोग…
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सत्यशोधक राहुल सांकृत्यायन

विशेष आलेख : गणेश कछवाहा "हमें अपनी मानसिक दासता की बेड़ी की एक-एक कड़ी को बेदर्दी के साथ तोड़कर फेंकने के लिए तैयार रहना चाहिए। बाहरी क्रांति से कहीं ज़्यादा ज़रूरत मानसिक क्रांति की है। हमें आगे-पीछे, दाहिने-बाएं दोनों हाथों से नंगी तलवारें नचाते हुए अपनी सभी रूढ़ियों को काटकर आगे बढ़ना…
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मेहनतकशों पर विश्वव्यापी हमला

आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा परवर्ती पूंजीवाद (Late capitalism) के अंतर्गत मेहनतकश जनता पर ऐसा हमला हो रहा है, जो आरंभिक पूंजीवाद के हमले की याद दिलाता है और यह हमला विश्वव्यापी है, जो सिर्फ तीसरी दुनिया में ही नहीं हो रहा है, बल्कि विकसित पूंजीवादी देशों में भी हो रहा है। यह…
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मियांवाला

राजपूत राणावत मियाँ लोगों को मियांवाला जागीर भी मिली थी और आरएसएस नेता खुशहाल सिंह राणावत मियाँ का बीजेपी में योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है शीशपाल गुसाईं देहरादून के मियांवाला जागीर का इतिहास गढ़वाल के राजाओं के शासनकाल से गहराई से जुड़ा हुआ है, जहाँ गुलेरिया समुदाय के साथ-साथ राणावत मियां वंश के…
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भाजपाई सांसद को भाजपा सांसद से ही खतरा!

टिप्पणी : संजय पराते आज बात मध्यप्रदेश पर, जहां एक गरीब भाजपाई सांसद को एक युवराज भाजपाई सांसद से ही खतरा है और उनकी यह शिकायत मीडिया में जोर-शोर से उछल रही है। पहले वाला सांसद ख़ांटी संघी है और दूसरा नवागत भाजपाई, लेकिन इसके पास अतीत के राजपाट का रौब है। बात संघ के मुख्यालय तक पहुंच चुकी है,…
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विकसित भारत के लिए एक बड़ा कदम : एक राष्ट्र और एक चुनाव

डॉ रवि शरण दीक्षित भारतीय संविधान अपनी प्रारंभिक मूल विशेषताओं के साथ पूरे विश्व में अलग पहचान के साथ विख्यात है l समय-समय पर संवैधानिक संशोधन इसको और सशक्त करते हैं, वर्तमान में संविधान में 129 वां संशोधन 2024 देश में चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा…
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तुम मुझे इंडिया दो, मैं तुम्हे कब्र दूंगा 

संजय पराते हमारे देश में दो दुनिया बसती है। एक का नाम इंडिया है और दूसरे का नाम भारत। इंडिया साधन संपन्न और चकाचक है। यह इंडिया पूरी दुनिया में इंडिया का प्रतिनिधित्व करता है। भारत दाने-दाने को मोहताज है, गंदगी-बदबू से भरा और फटेहाल है। जब भी विदेश से कोई नेता इंडिया आता है, तो इस भारत को…
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