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संपादकीय

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव : चुनावी शोर में दबे मुद्दे

रणविजय विधानसभा के चुनाव पांच राज्यों में होने हैं। चुनावी राज्यों में चुनावी शोर है, पर आम जनता की समस्याएं हाशिए पर हैं। चुनावी राज्यों में समस्याएं तो काफी विकराल रूप धारण किए हुए हैं। पर चुनावी बिगुल बज जाने जनता की आवाज दब गई है। बात उत्तराखंड की करूं, तो लग रहा है कि पिछले पांच सालों में…
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संभावनाओं का नव वर्ष

कोरोना वायरस के नये वेरियंट ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण के साये में हम नये साल में प्रवेश कर कर रहे हैं। उम्मीद है बीते साल की तबाही से जनता और सरकार सबक लेकर महामारी की तीसरी लहर से बेहतर ढंग से निपट सकेंगे... धर्मपाल धनखड़ नयी संभावनाओं और आशाओं के साथ हम नव वर्ष 2022 में प्रवेश कर रहे हैं। कहते…
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सरकारी खजाना खाली!

किसी की भी सरकार उत्तराखंड में क्यों नहीं आए, उसे सबसे पहले अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करना होगा। वरना, सरकारी कर्मचारियों को वेतन देना भी भारी पड़ जाएगा। अब भी कई विभागों में समय से सैलरी नहीं आ रही है। इसलिए जो भी सरकार सत्ता में आए, उसे सशक्त उत्तराखंड के विजन के साथ काम करना…
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जनहित पर भारी है चुनावी हित

केंद्र सरकार की तरह ही उत्तराखंड सरकार ने भी पंडा समाज की नाराजगी को देखते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में राज्य में स्थित मंदिरों के बेहतर प्रबंधन के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था।सरकार का दावा था कि इससे मंदिर परिसरों के विकास…
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जनता की अदालत में भाजपा

भाजपा के रणनीतिकारों को एहसास हो चुका है कि उत्तराखंड में दोबारा भाजपा को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी कभी केदारनाथ के बहाने तो कभी योजनाओं का लोकार्पण करने यहां पहुंच रहे हैं... रणविजय सिंह विधानसभा चुनाव-2022 की तैयारियों में सभी राजनीतिक…
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वैक्सीन : सीधे डील करें केंद्र

संपादकीय  धर्मपाल धनखड़ कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण की तीव्रता अब धीरे-धीरे कम हो रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब तीन हफ्ते में संक्रमण की दर घट कर 39 फीसद तक कम हो गयी है। हालांकि, अब भी रोजाना 2.25 लाख नये संक्रमित मिल रहे हैं। लेकिन मौतों का आंकड़ा घटने की बजाय बढ़ रहा है। मई महीने…
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महामारी पर राजनीति?

महामारी से निपटना केंद्र सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। यदि ऐसा करने में कुछ आर्थिक दिक्कत है तो कंपनियों से बात करके सरकार को केंद्र व राज्यों के लिए टीके का एक ही रेट तय करना चाहिए... धर्मपाल धनखड़ देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर चरम पर है। सरकारी आंकड़ों पर विश्वास करें तो संक्रमण…
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कोरोना: सरकार भी क्या करे        

जब कोरोना के खिलाफ रणनीति बनानी थी, तब सरकारों ने कुछ किया ही नहीं। अब जब पूरे देश में संक्रमण फैल गया है तो सरकारें भी तरह-तरह की कहानियां सुना रहीं हैं। अब आम आदमी को आगे आना होगा...  रणविजय सिंह बेकाबू होते कोरोना के सामने केंद्र के साथ ही अब राज्य सरकारें भी असहाय दिख रही हैं।  इस बीच…
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