दशकों से सड़क की मांग करते ग्रामीणों की मुराद नहीं हुई पूरी
सरकारों की उपेक्षा से अभी तक सडक़ की राह देख रहे हैं ग्रामीण
पुरोला। पुरोला विधान सभा के अंतर्गत आजादी के 75 वर्षों तक भी दर्जनों गांव सडक़ की राह देखते डिजिटल भारत मे भी आदिवासी जीवन जीने को मजबूर हैं। इतना ही नही स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए भारी मसक्कत कर कई किलोमीटर की दूरी तय…
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