संविधान ने शोषित पीड़ित जनता को दिया अधिकार- नंदी

देश का संविधान ने ही शोषित पीड़ित और वंचित तबकों को अधिकार दिया है। उक्त बातें क्रांतिकारी विचार मंच द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित “एक वैचारिक संवाद” को संबोधित करते हुए वामपंथी विचारक सुख रंजन नंदी ने कहा।
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले इंग्लैंड के संसद में जो कानून भारत के लिए बनते थे वो कानून हमारे देश में लागू होता था। आजादी के पहले देश में 500 से अधिक रियासतें अस्तित्व में थी और देश के लिए कोई संविधान नहीं था। आजादी के बाद सभी रियासतों को भारत में शामिल करने के बाद देश के संचालन के लिए एक नियम कानून बनाने की जरूरत आ पड़ी और फिर संविधान का निर्माण किया गया।
उन्होंने दुनिया में विभिन्न देशों में संविधान निर्माण के इतिहास का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली को संचालित करने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि जिस फ्रांस में स्वाधीनता, समानता और भाईचारा के नारों को सामने रखकर फ्रांस में क्रांति हुई थी उसी क्रांति के बाद नेपोलियन ने जो संविधान का निर्माण किया था उसके दो हजार अनुच्छेदों में सिर्फ 8 अनुच्छेद श्रमिकों के लिए था।
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में संविधान लागू होने के लगभग 200 वर्षों के बाद वहा पर महिलाओं को मताधिकार का मान्यता दिया गया।
श्री नंदी ने हमारे देश के संविधान निर्माण के दौर का हवाला देते हुए कहा कि हमारे देश का यह संविधान भी लम्बे वैचारिक संघर्ष का ही नतीजा है। उस समय कुछ प्रतिक्रियावादी तत्व थे जो इस संविधान की मूलमंत्र लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्षता,समाजवाद और संघीय ढांचा के विरोधी थे। लेकिन आज संविधान के प्रस्तावना में समाजवाद,लोकतंत्र,
धर्मनिरपेक्षता शामिल है। संविधान की प्रस्तावना ही संविधान के दिशानिर्देशक है।
नई पीढ़ी के सामने आज यह जिम्मेदारी है कि एक बेहतर और आधुनिक भारत की रक्षा के लिए इस संविधान की रक्षा करें।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में अरविंद मिलिंद,तपन राय ,तपन शील, बी ई ओ कोयलीबेड़ा ब्लाक,बासुदेव दास, रीजैसन जोसफ, पदुमन शुक्ला,अमिताभ सरकार,इंद्रजीत विश्वास और मिहिर राय उपस्थित थे।
क्रांतिकारी विचार मंच इकाई -पखांजूर द्दारा संविधान दिवस के अवसर पर शहीद गैंद सिंह भवन में स्कूली छात्र – छत्राओं के लिए ” एक वैचारिक संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! जिसमें 10 स्कूलों से 63 प्रतिभागियों ने हिस्सा ! जिसमें उनका विषय 1. शहीद भगत सिंह के लेख़ व उनके क्रांतिकारी विचार ! 2.संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर का नारियों के लिए क्या योगदान था !( अ) संविधान में नागरिकों के मौलिक कर्तव्य क्या हैं (ब) संविधान में निहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है ! कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की किताब बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर और वहां मोमबत्ती जलाकर नमन व श्रद्धाजंलि अर्पित कर की गई कार्यक्रम में मंच का संचालन अशोक उवर्सा और कृष्णपाल राणा ने किया ! निर्णायक के तौर पर योगेश जुर्री, डॉ. जोझन लो और मुकेश जांगड़े थे ! मुख्य अतिथि में सुखरंजन नंदी,अरविंद मिलिंद,वासुदेव दास, तपन राय,देव कुमार शील बी ई ओ कोयलीबेड़ा ब्लॉक, लाइफ़ अकेडमी प्राचार्य रिजॉयसन जोसेफ़, आराधना कान्वेंट स्कूल के संगीत डायरेक्टर प्रदुम्न शुक्ला ,ए बी ओ अमिताभ सरकार,वासु देवदास,मिहिर राय, इंद्रजीत विश्वास अध्यक्ष कांग्रेस ब्लॉक कमेटी उपस्थित रहे ! प्रतिभागियों में से टॉप 10 चुना गया ! लाइफ़ अकेडमी स्कूल से संजना चक्रवर्ती,सोनाली समददार,आत्मानंद स्कूल हरनगढ़ से तिथि ब्रह्मचारी,स्नेहा बड़ाई और शासकीय हाई सेकंडरी स्कूल से अनिशा मंडल को शहीद भगत सिंह अवार्ड और आराधना कान्वेंट स्कूल से अंकित बरुआ,तानिया विश्वास, स्नेहा ओझा,सुमित सरकार,अलोका तरफदार, आत्मानंद स्कूल हरनगढ़ से सुमित सरकार को डॉ. अम्बेडकर अवार्ड से सम्मानित किया गया ! और कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ! क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष हरपाल सिंह, उपाध्यक्ष – आरिफ़ क़ुरैशी,सचिव महेश्वर शर्मा,व सदस्य रिखीराम भुआर्य,संतोष ठाकुर,मोहम्मद जुनैद अख़्तर,रसम विश्वास,कार्तिक नागवंशी, की टीम ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया !

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