नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना लागू करना देश की अपने नायकों के प्रति कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना की शुरुआत के 10 साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ओआरओपी सशस्त्र बलों की भलाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस योजना को लागू करने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद, मोदी ने सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों की प्रमुख शिकायतों को दूर करने के लिए इस योजना को लागू करने को प्राथमिकता दी थी।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज ही के दिन, वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू किया गया था। यह हमारे सैनिकों और पूर्व सेवा कर्मियों के साहस और बलिदान के लिए एक श्रद्धांजलि थी, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओआरओपी को लागू करने का निर्णय इस लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने और हमारे नायकों के प्रति हमारे देश की कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में लाखों पेंशनभोगी और पेंशनभोगी परिवार इस ऐतिहासिक पहल से लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संख्या से परे, ओआरओपी हमारे सशस्त्र बलों की भलाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। हम हमेशा अपने सशस्त्र बलों को मजबूत करने और हमारी सेवा करने वालों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’