झारखंड विधानसभा चुनाव: महिला वोटरों के पास है सत्ता की चाबी

31 विधानसभा क्षेत्रों में महिला वोटर्स पुरुषों पर भारी

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। एनडीए ने शनिवार को अपने प्रत्याशी की पहली सूची जारी की है। रांची से वर्तमान विधायक CP सिंह का सीट बरकरा रखा है। वही जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास( वर्तमान में उड़ीसा के राज्यपाल) की बहू को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया है।

JMM औ कांग्रेस में बनी सहमति

वहीं ndia गठबंधन की सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रभारी मिर ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। बाकी सेट में रजत और वाले को देने की बात कही है।

वोट बैंक पर एक नजर

सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी, यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन इसमें थाेड़ा भी संदेह नहीं कि महिलाएं एक महत्वपूर्ण मतदाता समूह के रूप में उभर आई हैं ।

विधानसभा की कुल 81 सीटों में से 31 पर महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। यही वजह है कि सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं और उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा भी की जा रही है। चूंकि, सत्ता का रास्ता इनसे होकर ही जाएगा, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं। खासकर ट्राइबल रिजर्व सीटों पर महिलाएं अपनी ताकत दिखाने की स्थिति में हैं। 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। इनमें से सिर्फ तोरपा और खूंटी में ही भाजपा के विधायक हैं बाकी सभी जगहों पर झामुमो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही चुनाव जीते हैं। बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका, जामा, घाटशिला, पोटका, सरायकेला, मझगांव, चाईबासा, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, सिसई, गुमला, बिशुनपुर और तमाड़ में झामुमो के विधायक है। बाकी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जो झामुमो की सहयोगी पार्टी है।

झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टियां जिस तरह महिलाओं को फोकस करके योजनाओं की घोषणा कर रही हैं, वे यह साबित करती हैं कि इस बार के चुनाव में महिलाओं की भूमिका ऐतिहासिक होने जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में महिलाओं को साधने के लिए जिस प्रकार मंईंया सम्मान योजना की शुरुआत की और 18-50 साल तक की आयु वर्ग की महिलाओं को सीधे एक हजार रुपये नकदी की सहायता दी, उससे महिलाओं की सहानुभूति उन्हें मिलेगी, इसकी पूरी संभावना है।

हेमंत के दांव के जवाब में भाजपा ने महिला वोटर्स को लुभाने के लिए गोगो-दीदी योजना का कार्ड फेंका है, जिसके तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने की बात कही गई है। गोगो-दीदी योजना के आने के बाद हेमंत सरकार ने मंईंया सम्मान योजना की राशि को 1000 से 2500 रुपये महीना कर दिया।

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटों हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 सीटों का है। 31 सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा है यानी यदि कोई पार्टी महिलाओं को रिझा लेती है, तो उसे सरकार तक पहुंचने के लिए और सिर्फ 10 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार जिन सीटों पर महिलाएं पुरुषों से आगे हैं।

महिला मतदाताओं में वोट के अधिकार को लेकर जागरुकता काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं रहतीं। चूंकि, महिलाएं वोट देने के अधिकार को अपना दायित्व समझती हैं और ये जानती हैं कि इसके प्रयोग से ही उनकी पसंद की सरकार बन सकती हैं। इसलिए भी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं। हालांकि, महिलाओं का वोट किसी के प्रभाव में जल्दी स्विंग नहीं होता है। वे काफी सोच-समझकर अपने हित में वोट डालती हैं।

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