देहरादून। उत्तराखंड में निकाय प्रशासकों का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाया गया है। प्रशासकों का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया गया है। इस बार नए बोर्ड के गठन तक कार्यकाल बढ़ाया गया है। निकायों का कार्यकाल दो दिसंबर 2023 को खत्म हो गया था। गत दो जून को तीन माह के लिए प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया था। अब तीसरी बार फिर कार्यकाल बढ़ाया गया है।
उत्तराखंड शासन के शहरी विकास अनुभाग-3 के सचिव नितेश कुमार झा की ओर से जारी पत्र के अनुसार प्रदेश के नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल एक दिसंबर 2023 को समाप्त होने से पूर्व नगर निकायों में नए बोर्ड का गठन किया जाना था किन्तु उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में गठित एकल समर्पित आयोग से ओबीसी को स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व प्रदान किये जाने संबंधी रिपोर्ट प्राप्त न होने कारण नगर निकायों में अग्रिम आदेशों तक सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
लोकसभा निर्वाचन-2024 की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के कारण नगर निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने में विलम्ब के दृष्टिगत नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नवीन बोर्ड के गठन तक के लिए विस्तारित किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना इत्यादि घटनाएं निरंतर घटित हो रही हैं। ऐसी स्थिति तथा निकायों के ओबीसी सर्वे में समय लगने की संभावना के दृष्टिगत नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2024 ससमय संपन्न न होने से निकायों में प्रशासनिक शून्यता की स्थिति उत्पन्न न हो, ऐसे में नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नये बोर्ड के गठन तक के लिए विस्तारित किया गया है।