पहली ही बरसात में धड़ाम हुई नव निर्मित शोभा स्थली की दीवार, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

डीएम को ज्ञापन भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग

रुद्रप्रयाग। वन विभाग रेंज अगस्त्यमुनि के तत्वावधान में तुंगनाथ घाटी के मक्कू बैंड में नव निर्मित शोभा स्थली की दीवार पहली बारसात में धड़ाम होने से वन विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। इस बाबत स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही स्थानीय ठेकेदारों ने वन विभाग पर स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी कर बाहरी पूंजीपति ठेकेदारों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

तुंगनाथ घाटी के मक्कू बैंड से बनियाकुण्ड व दुगलबिट्टा में वन विभाग द्वारा चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत 11 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था तथा शासन से चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत वन विभाग को 11 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मिली थी। चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत वन विभाग की ओर से सुरम्य मखमली बुग्यालों का संरक्षण, तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधा मुहैया करना तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार सहित अनेक योजनाये प्रस्तावित हैं।

जानकारी के अनुसार चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के प्रथम चरण में वन विभाग द्वारा मक्कू बैंड में लाखों रुपये की लागत से शोभा स्थली का निर्माण किया गया है, मगर लाखों रुपये की लागत से शोभा स्थली की दीवार पहली बारसात में धड़ाम होने से वन विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। वन विभाग द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में निर्मित शोभा स्थली के निर्माण में सीमेन्ट का प्रयोग किस वन अधिनियम के तहत किया गया, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

सूत्रों की माने तो शोभा स्थली के निर्माण में जमकर मानकों की अनदेखी कर लाखों रुपये का वारा न्यारा किया गया तथा वन विभाग द्वारा पूर्व में अतिक्रमण के तौर पर तोड़ी गयी दुकानों की ईटों का प्रयोग शोभा स्थली के निर्माण में किया गया। स्थानीय ठेकेदारों ने वन विभाग पर स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बाहरी पूंजीपति ठेकेदारों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा अपने मोटे कमीशन के चक्कर में बाहरी ठेकेदारों को गले लगाकर स्थानीय ठेकेदारों की रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय ठेकेदारों का कहना है कि वन विभाग द्वारा शोभा स्थली निर्माण की सार्वजनिक निविदा आमंत्रित करने के बजाय गुप-चुप तरीके से अपने चेहते पूंजीपति ठेकेदारों को गोपनीय तरीके से शोभा स्थली का कार्य दिया गया। स्थानीय ग्रामीण दीपक ने इस बाबत जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर शोभा स्थली की क्षतिग्रस्त दीवार की जांच की मांग की है।

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