बारी (इटली)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान और उज्जवल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के वास्ते वह शुक्रवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के साथ सार्थक चर्चा करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सत्र’ में शिरकत करने के लिए अपुलिया पहुंचने के बाद यह टिप्पणी की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ब्रिंडिसी हवाई अड्डे से एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘उनका (मोदी) आज (शुक्रवार) का दिन बेहद व्यस्त रहने वाला है। हमारी एक के बाद एक कई वैश्विक नेताओं से साथ द्विपक्षीय बैठकें हैं। वह (मोदी) जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सत्र’ को भी संबोधित करेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्वारा आयोजित कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक सत्र में हिस्सा लेंगे। इस सत्र में पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे। पोप फ्रांसिस के मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचा। वैश्विक नेताओं के साथ सार्थक चर्चाओं में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना है।”
इससे पहले मोदी ने इटली के लिए रवाना होने से पहले एक बयान में कहा था कि उन्हें खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उनकी पहली यात्रा जी7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” मैं 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इटली यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं।
पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिन्द-प्रशांत एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा, ”आउटरीच सत्र’ में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका एवं भूमध्यसागर पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन तथा आगामी जी7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच व्यापक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा, जो ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।”