नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह अगली सरकार के सभी फैसलों में सर्वसम्मति सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे और उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता पाने के लिए किया गया कुछ दलों का गठबंधन नहीं है, बल्कि यह ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध एक स्वाभाविक गठबंधन है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग की ओर से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए नेता चुने जाने के बाद मोदी ने कहा कि अगले कार्यकाल में उनकी सरकार अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और आम नागरिकों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास इस गठबंधन के मूल में है और वे ‘सर्व पंथ समभाव’ के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि राजग जीत पचाना अच्छी तरह जानता है। मोदी ने कहा, ‘‘अगर हम गठबंधन के इतिहास में संख्या के लिहाज से देखें तो यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है।’’ उन्होंने कहा कि राजग अपने अस्तित्व के लगभग 30 साल के बाद से सबसे सफल चुनाव-पूर्व गठबंधन रहा है और इन करीब 30 साल में इसने तीन कार्यकाल पूरे कर लिये हैं और चौथा कार्यकाल शुरू करने वाला है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ‘‘हम कभी नहीं हारे। चार जून के बाद हमारा आचरण दिखाता है कि हम जानते हैं कि जीत को कैसे पचाना है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पिछले 10 साल से संसद में भागीदारी और गुणवत्ता बहस की कमी महसूस कर रहे हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार उन्हें यह देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्षी नेता राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर काम करेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘वे हमारे विरोध में हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्र के विरोध में नहीं। मुझे उम्मीद है कि वे राष्ट्र हित की भावना के साथ संसद में आएंगे।’’ राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘इस जीत को स्वीकार न करने… इस जीत पर ‘हार की छाया’ डालने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन ऐसे सभी प्रयास विफल रह गए… इस तरह की चीजें बहुत जल्द खत्म हो जाती हैं और यही हुआ भी।’’ बैठक में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, जनता दल (सेक्युलर) के एच डी कुमारस्वामी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, जनसेना पार्टी के पवन कल्याण और भाजपा तथा राजग के अन्य सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित सदस्यों ने हिस्सा लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के बीच गहरे मतभेद के कारण संसद में अतीत में अक्सर व्यवधान देखने को मिला, लेकिन मोदी ने सुलह का रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार के गठन के लिए बहुमत आवश्यक है, लेकिन देश चलाने के लिए ‘‘सर्वमत बहुत जरूरी होता है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपने हमें बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है और अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को आगे ले जाने में सर्वसम्मति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करें।’’