तेरापंथ महिला मंडल सिलीगुड़ी द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में समनी निर्देशिका मंजू प्रज्ञा जी एवं स्वर्ण प्रज्ञा जी के सानिध्य में किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ समनी वृंद ने नमस्कार महामंत्र से किया। कन्या मंडल की बेटियों द्वारा गीत के माध्यम से भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई ।
अध्यक्ष श्रीमती संगीता घोसल ने अतिथि एवं उपस्थित संपूर्ण समाज का स्वागत किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीमा बैद ने कहा आजकल के बच्चों को किस तरह अपने पेरेंट्स से अटैच होना चाहिए अपने माता-पिता को प्रणाम करना चाहिए उनकी बातों को समझना चाहिए pranic healer शिल्पा जैन ने तीन गिलासों के उदाहरण के माध्यम से मस्तिष्क के बारे में जानकारी दी। जितना हम अपने मस्तिष्क को खाली रखेंगे उतने ही पॉजिटिव विचार मस्तिष्क में प्रवेश करेंगे। निशा अग्रवाल ने न्यूमैरोलॉजी के माध्यम से बताया हमारा जीवन जन्म के साथ ही नंबरों से जुड़ जाता है एवं कहा कि इन नंबरों को एक्टिव करके हम अपने जीवन में मूलभूत परिवर्तन कर सकते हैं और हमारी जिंदगी में जो नवग्रह के दोष होते हैं उन्हें भी ठीक कर सकते हैं समनी मंजू प्रज्ञा जी ने अपने उद्बोधन में चिकित्सा की नौ पद्धतियां बताते हुए कहा कि हमें जीवन में फूलों की तरह मुस्कुराना चाहिए समस्या से ही समाधान होता है मन में दया का भाव रखना चाहिए स्वस्थ भोजन स्वस्थ काया वाणी संयम का महत्व आदि पर अपने विचार रखे। समनी स्वर्ण प्रज्ञा जी ने मंत्र प्रेक्षा के माध्यम से बताया किस तरह हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं एवं रोगों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं । कार्यक्रम में मंडल की बहनों सहित संपूर्ण जैन समाज एवं अन्य समाज की भी अच्छी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम को हमें सफल बनाने में सभा तेरापंथ युवक परिषद मर्यादा मैत्री बोर्ड तेरापंथ ट्रस्ट दिगंबर जैन समाज एवं अन्य संस्थाओं का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ कन्या मंडल एवं ज्ञानशाला के बच्चों की उपस्थिति भी सराहनीय रही आज की कार्यशाला के संयोजक श्रीमान मदन जी मालू बजरंग जी सेठिया अमित जैन सचिन आंचलिया समता पगारिया दिव्या बैद श्वेता भंसाली पूनम नौलखा सुमन बोथरा सुमन बैद मासूम बरड़िया थे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन मंत्री श्रीमती सुमन बैद ने किया व कार्यक्रम का कुशल संचालन सह मंत्री समता पगारिया एवं दिव्या बैद द्वारा किया गया।