हाथ बदलेगा हालात :गरिमा मेहरा दसौनी

देहरादून। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पहले चरण के मतदान की तिथि आ चुकी है ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश की मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड की जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का आह्वाहन किया।

दसौनी ने कहा की यदि उत्तराखंड की जनता कांग्रेस के मेनिफेस्टो (न्याय पत्र) को गंभीरता से ले तो उनके समझ में आएगा कि कांग्रेस ही देश की दशा और दिशा दोनों सुधार सकती है। दसौनी ने कहा कि यह कोई आम चुनाव नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है, यह अस्तित्व और अस्मिता की लड़ाई है। दसौनी ने कहा की जहां एक ओर कांग्रेस के न्याय पत्र में बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर वर्ग के लिए कोई ना कोई सौगात है वही दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो में कोई विजन नहीं है ।
दसौनी ने कहा कि मात्र 13 दिन में तैयार किया गया भारतीय जनता पार्टी का मेनिफेस्टो साफ दिखाता है की सत्ता रूढ़ दल अहंकार में आकर देश के असल मुद्दों पर से ध्यान भटका कर राजनीति करना चाहती है।
दसौनी ने 10 कारण गिनाए जिससे कांग्रेस का घोषणापत्र हर भारतीय महिला का जीवन बदल देगा
1.सबसे गरीब घरों की एक महिला को 1 लाख/वर्ष
2.वेतन में कोई भेदभाव नहीं – समान काम का मतलब समान वेतन।
3.महिलाओं को सुरक्षित कार्यस्थल, कामकाजी महिलाओं के छात्रावास, बच्चों की देखभाल, मातृत्व लाभ और सुरक्षित परिवहन के साथ काम करने में मदद। 4. महिलाओं और महिला स्वयं सहायता समूह के लिए लोन में बढ़ोतरी करके उन बहनों का समर्थन करना
5. महिलाओं की मदद के लिए हर पंचायत में अधिकार मैत्री – उनके अधिकार समझाने, उन तक पहुंचाने और उन्हें लागू कराने के लिए
6. लैंगिक भेदभाव और पक्षपात के लिए सभी कानूनों की समीक्षा की गई
7. केंद्र सरकार की नई भर्तियों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण। इसका ये भी मतलब है ज़्यादा महिला जज और IAS और IPS अधिकारी!
8. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में अधिक महिलाएं, और सेना में महिलाओं की अधिक भागीदारी
9. न्यायसंगत राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए विधानसभाओं और लोकसभा में महिला आरक्षण तत्काल बहाल करेंगे
10. महिलाओं और लड़कियों के लिए खेलों में ज़्यादा फंड और खेल निकायों में ज़्यादा महिलाओं की नियुक्ति।
दसौनी ने कहा की कांग्रेस का न्याय पत्र हर लिहाज से भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो से बेहतर है,कांग्रेस का न्याय पत्र मन की बात नहीं कहता बल्कि जन की बात सुनता है,
लोगों की आवाज को दर्शाता है ।
दो भारत जोड़ो यात्राओं के दौरान भारत के लोगों की आवाज सुनने के बाद बनाया गया है कांग्रेस का घोषणा पत्र वहीं दूसरी ओर भाजपा का घोषणा पत्र सिर्फ मोदी के बारे में है (53 तस्वीरें, ‘मोदी’ के 69 उल्लेख) बेरोजगारी का जिक्र सिर्फ दो जगह पर करते दिखता है।
कांग्रेस के न्याय पत्र में देश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दिया गया है बल्कि भाजपा के घोषणा पत्र में बेरोजगारी और महंगाई का कोई जिक्र नहीं ,कांग्रेस ने न्याय पत्र में ​​विशेष रूप से नौकरियाँ पैदा करने के लिए पेश किए हैं रचनात्मक नए समाधान, वहीं
भाजपा ने कोई नई बात नहीं की है। भाजपा द्वारा मौजूदा विफल योजनाओं को बरकरार रखने पर ध्यान केंद्रित किया है।
कांग्रेस ने गारंटी लागू करने के लिए स्पष्ट और ठोस रोडमैप तैयार किया है वहीं भाजपा ने अस्पष्ट और कुछ भी कैसे हासिल किया जाएगा, इसके बारे में कोई विवरण नहीं दिया।
कांग्रेस का न्याय पत्र किसानों को प्रदान करता है एमएसपी
स्वामीनाथन फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी की बात की है वहीं
भाजपा कहती है समय-समय पर एमएसपी बढ़ाएगी’
न्याय पत्र महिलाओं को सशक्त बनाता है वही भाजपा आपके परिवार की आय के आधार पर आपको ‘लखपति दीदी’ कह रही है।
कांग्रेस युवाओं को रोजगार की बात कहती है 30 लाख नई सरकारी नौकरियां; 1 लाख प्रति वर्ष स्टाइपेंड के साथ पहली नौकरी की गारंटी
वहीं भाजपा रोजगार सृजन के लिए कोई नई पहल पर विचार तक नहीं करती। कांग्रेस द्वारा श्रमिकों के लिए मनरेगा में
न्यूनतम वेतन रु. 400 की बात कही गई है वहीं भाजपा
राष्ट्रीय फ्लोर वेतन ‘समय-समय पर’
कांग्रेस न्याय के लिए लड़ाई की बात कहती है, ​​हाशिए पर रहने वाले समुदायों सहित हर समूह के लिए एक उचित प्रतिनिधित्व की बात वहीं भाजपा समानता पर विचार ही नहीं किया गया।दसौनी ने कहा कांग्रेस का घोषणा पत्र महीनों के शोध, चर्चा और लोगों की राय के बाद बनाया गया
वहीं भाजपा ने जल्दबाजी में निपटा दिया घोषणापत्र।
दसौनी ने कहा कि जहां एक ओर कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी का गठन दिसंबर 2023 को हो गया था वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की मेनिफेस्टो कमेटी का गठन 30 मार्च 2024 को होता है और मात्र 15 दिन पहले ही बनी हुई कमेटी ने देश के करोड़ों लोगों की जन्मपत्री लिख डाली।
इसलिए प्रदेश और देश की जनता को चाहिए की बहुत सोच समझकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

 

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