देहरादून। मुख्य सचिव ने सौंग बांध परियोजना की प्रोसिजर क्लियरेन्स कार्यों में देरी पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने सिंचाई विभाग और कार्यदायी संस्था यूपीडीसीसी लिमिटेड को संबंधित कार्यवाही को जल्द से जल्द पूरा करने के कड़े निर्देश दिए।
सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सौंग बांध की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को परियोजना से संबंधित पर्यावरणीय, वित्तीय सहित सभी क्लियरेन्स जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए इसका अन्तिम अनुमोदन प्राप्त करने निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर में जलापूर्ति की कमी के कारण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पेयजल के उद्देश्य से सौंग बांध अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इससे देहरादून शहर को पेयजल आपूर्ति हेतु 150 एमएलडी रॉ वाटर, नलकूपों के रख रखाव के व्यय की बचत, भूमिगत जल रिचार्ज, बाढ़ नियंत्रण एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में सिंचाई विभाग की ओर से बताया गया कि वन विभाग द्वारा 127 हेक्टेयर वन भूमि प्रत्यावर्तित करने के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है।
इसके साथ मुख्य सचिव ने जामरानी बांध परियोजना की उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की बैठक के दौरान परियोजना पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इससे संबंधित प्रस्तुतिकरण अगली कैबिनेट में रखने के लिए तैयारी के निर्देश दिए हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।