पटना। बिहार में शिक्षा विभाग ( Education Department) द्वारा छुट्टी का कैलेंडर जारी करने के बाद राजनीतिक ( political) गलियारों में हलचल मच गई है। कैलेंडर के अनुसार जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, रामनवमी, शिवरात्रि, तीज, वसंत पंचमी और जिवित्पुत्रिका की छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं। वहीं, ईद और बकरीद पर तीन दिन स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
वहीं, शिक्षकों के लिए गर्मी की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है लेकिन, बच्चों की छुट्टी रहेगी। नई अवकाश तालिका के अनुसार, 60 दिन की छुट्टी में शिक्षकों को 38 दिन स्कूल आना होगा यानि शिक्षकों को मात्र 22 दिन की छुट्टी दी गई है। बिहार सरकार पर एक वर्ग विशेष को खुश करने का आरोप लगाया जा रहा है।भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने हिंदू विरोधी मानसिकता दिखाई है और हिंदुओं की भावनाओं को आघात करने वाला एक निर्णय लिया है…स्कूलों में हिंदू त्योहारों की छुट्टियों में भारी कटौती की गई है और मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है…इसे हम स्वीकार नहीं करेंगे…बिहार के लोग चुप नहीं रहेंगे, वे सड़कों पर उतरेंगे।”
वहीं, JDU नेता नीरज कुमार ने कहा कि शब-ए-बारात की छुट्टियां घटाई गई हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही…हिन्दुओं की छुट्टियों में कोई कटौती नहीं की गई है…जिन छुट्टियों को बढ़ाया गया है उसका कारण शिक्षा विभाग ही स्पष्ट कर सकता है…इसे राजनीतिक चश्मे से देखने से अच्छा होगा कि शिक्षा विभाग का स्पष्टीकरण देखने के बाद वक्तव्य दें।
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सियासत धर्म के चश्मे से नहीं होनी चाहिए। नीतीश और तेजस्वी की सरकार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षा में सुधार लगातार हो रहा है…भाजपा के पास मुद्दा नहीं है, तो ये शिक्षा में भी जहर घोल रहे हैं और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।