नयी दिल्ली। आज भारत तथा सऊदी अरब ( Saudi Arabia) के मध्य द्विपक्षीय सम्बन्धों की बढ़ती प्रवृत्तियों में रक्षा, रणनीति, सुरक्षा, निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, व्यापार के साथ-साथ शिक्षा, ऊर्जा तथा प्रसार कारक शामिल हैं। यह उन सम्भावनाओं के बढ़ते सौहार्द्र तथा समझ की स्पष्ट झलक है जिसमें द्विपक्षीय साझेदारी (Bilateral Partnership) विकसित हुई है। इसका ताजा उदाहरण हमें भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरन भी देखने को मिला। शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और समीक्षा हुई। दोनों नेताओं ने देश के बीच रणनीतिक साझेदारी की संभावना को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार विमर्श किया। भारत और सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस परिषद के अंतर्गत दोनों समितियां की कई बैठकर हुई है जिनसे हर क्षेत्र में हमारा आपकी सहयोग निरंतर बढ़ रहा है। बदलते समय की जरूरत के अनुसार हमारे संबंधों में नए और आधुनिक आयाम जुड़ रहे हैं।
बताने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2019 में रियाद की यात्रा की थी जिसके बाद भारत सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद का गठन किया गया था। इस परिषद में दो समितियां है जिसमें पहले समिति राजनीतिक सुरक्षा ( Political security) सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग समिति है। वहीं दूसरी समिति अर्थव्यवस्था और निवेश समिति है। G20 के बाद दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक सितंबर 2022 में रियाद में आयोजित दो समितियां की मंत्री स्तरीय बैठक के बाद हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल साउथ और मेरे बीच बातचीत सार्थक रही। व्यापारिक संबंधों की इस बैठक में हमने समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास दिलाया कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ेंगे भी और मजबूत भी होंगे। दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग की गुंजाइश अधिक है। सऊदी अरब के साथ विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने के लिए भारत इच्छुक है। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में कई एजेंडे शामिल थे जिसमें ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और सामुदायिक कल्याण मुद्दों समिति विपक्षीय सहयोग के मुद्दे शामिल थे।