इंदौर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu )ने कहा कि शहरों पर दबाव कम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों की तरह स्वास्थ्य, शिक्षण और बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू यहां आयोजित ‘इंडिया स्मार्ट सिटी कांक्लेव 2023’ को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Chief Minister Shivraj Singh Chouhan)और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी उपस्थित थे।
इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने स्मार्ट सिटी से जुड़े हुए विभिन्न श्रेणियों के 66 पुरस्कार भी प्रदान किए। राष्ट्रपति ने पूरे आयोजन से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा कि इंदौर देश की स्मार्ट सिटी में सबसे ऊपर है। इसके लिए उन्होंने इंदौर के निवासियों और शासन-प्रशासन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक आंकलन में बताया गया है कि 2047 तक शहरी आबादी 87 करोड़ हो जाएगी। लगभग 50 प्रतिशत से अधिक लोग शहरों में रहेंगे। ऐसे में हमें भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए एक रोडमैप बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि विकास से जुड़ा एक अहम मुद्दा जलवायु परिवर्तन का भी है। हमें देखना होगा कि शहरों में जलवायु परिवर्तन पर कैसे काम हो सकता है। शहरों में ज्यादातर ग्रीन बिल्डिंग्स पर जोर दिया जा रहा है, पर अभी और काम करने की जरूरत है। सही दिशा के लिए ‘सस्टेनेबल डवलपमेंट’ पर काम करना होगा।
पिछले 10 साल में शहरी विकास में देश का समग्र निवेश पहले की तुलना में 10 गुना हो गया है। इसमें स्मार्ट सिटी मिशन का योगदान अहम है। उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के मुद्दे की अहमियत बताते हुए कहा कि सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था से कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। पर इसके लिए और मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि स्मार्ट सिटी में हो रहे काम इस दिशा में और मजबूती देंगे।राष्ट्रपति ने लोगों से भी बतौर नागरिक और जिम्मेदार बनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि शहरों में फैलती बीमारियों जैसे मुद्दों पर भी लोगों के जागरुक होने की जरूरत है।