बीना (सागर)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडी’ के कुछ नेताओं की ओर से सनातन धर्म पर दिए जा रहे विवादित बयानों को लेकर गठबंधन पर जबर्दस्त हमला बोलते हुए आज कहा कि देश के हर सनातनी और राष्ट्रप्रेमी को अब सतर्क रहने की जरुरत है और हमें मिल कर संगठन की शक्ति से इनके मंसूबों को नाकाम करना है।
मोदी यहां लगभग 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स (Petrochemical Complex) की आधारशिला रखने आए थे। जी-20 के सफल आयोजन के बाद पहली बार किसी जनसभा को संबोधित कर रहे मोदी ने इस दौरान न केवल G-20 आयोजन की सफलता के लिए देश के करोड़ों वासियों को इसका श्रेय दिया, बल्कि सनातन धर्म पर विपक्षी गठबंधन की ओर से किए जा रहे हमलों को लेकर गठबंधन को भी जम कर घेरा।
समारोह के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान( Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वीरेंद्र कुमार, प्रहलाद पटेल, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश सरकार के कई मंत्री उपस्थित रहे।
अपने लगभग आधे घंटे के संबोधन में मोदी ने करीब 10 मिनट तक सनातन धर्म के विरोधियों को घेरा। उन्होंने कहा कि ‘इंडी अलायंस’ का अब तक नेता और नेतृत्व तय नहीं है, लेकिन शायद इस गठबंधन ने मुंबई की अपनी बैठक में अपनी आगे की रणनीति तय कर ली है। इनकी भारत की संस्कृति पर हमला करने की नीति और नीयत है।
उन्होंने कहा कि जिस सनातन ने महात्मा गांधी को प्रेरित किया। महात्मा गांधी ने श्री राम से प्रेरणा पाई, संभवत: इसलिए उनके आखिरी शब्द ‘हे राम’ रहे। महात्मा गांधी ने सनातन से प्रेरित होकर ही अस्पृश्यता का अभ्रियान चलाया। ये गठबंधन उसी सनातन को ही समाप्त करना चाहता है।
प्रधानमंत्री ने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि इन लोगों ने खुल कर सनातन पर हमला बोलना शुरु कर दिया है। अब ये लोग हम पर होने वाले हमले और बढ़ाने वाले हैं। देश के कोने-कोने में रहने वाले सनातनी को, इस देश से प्यार करने वाले को और हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। सनातन को मिटा कर ये देश को फिर एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं, पर हमें मिल कर ऐसी ताकतों को रोकना है। संगठन की शक्ति से एकजुटता से उनके मंसूबे नाकाम करने हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सनातन धर्म भारत की हजारों साल की परंपरा है, विपक्षी गठबंधन उसे तहस-नहस करना चाहता है। जिस सनातन धर्म ने देवी अहिल्या बाई होल्कर और झांसी की रानी लक्ष्मी बाई को प्रेरित किया। स्वामी विवेकानंद और लोकमान्य तिलक भी उसी से प्रेरित रहे। लोकमान्य तिलक ने सनातन से प्रेरित होकर ही गणेशोत्सव को सार्वजनिक तौर पर मनाने की शुरुआत की और उसे स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा।
उन्होंने कहा कि सनातन की ही ताकत थी कि आजादी के आंदोलन में फांसी पाने वाला हर क्रांतिकारी अगला जन्म भारत माता की गोद में ही चाहता था। सनातन संत रविदास का प्रतिबिंब है। सनातन ने हजारों वर्षों से भारत को जोड़ा है। विपक्षी गठबंधन मिल कर उसे खंड-खंड करना चाहता है।