नयी दिल्ली । केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया(Mansukh Mandaviya ) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) का उद्देश्य दो लाख से अधिक ऐसे ‘वन-स्टॉप शॉप’ केंद्रों का नेटवर्क बनाना है ताकि किसानों को खेती और कृषि प्रथाओं के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित उत्पादों तक पहुंच प्राप्त हो सके।
डॉ. मांडविया ने देश भर के 500 पीएमकेएसके में सात राज्यों के एक हजार से अधिक किसानों के साथ ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि पीएमकेएसके को जल्द ही कृषि के लिए गतिविधियों, कृषि क्षेत्र में नए और विकासशील ज्ञान के बारे में जागरूकता बढ़ाने, किसान समुदाय (Farming community) के साथ संवाद , कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से विस्तार गतिविधियों के लिए केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह केवल उर्वरक, उपकरण आदि के लिए एक आउटलेट नहीं है। यह किसान कल्याण के लिए एक संगठन है।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तराखंड राज्यों के किसान मौजूद थें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएमकेएसके जल्द ही सभी कृषि और खेती से संबंधित गतिविधियों के लिए वन-स्टॉप सेंटर न होकर एक संस्थान बन जाएगा।
उन्होंने किसानों को नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करने और रासायनिक उर्वरकों के बजाय वैकल्पिक और जैविक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले रबी सीजन में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को 20 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास करें और इसकी जगह वैकल्पिक और जैविक उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि अध्ययनों ने स्पष्ट रूप से रसायनों, उर्वरकों, कीटनाशकों आदि के बढ़ते उपयोग के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाया है। उन्होंने रासायनिक खाद का प्रयोग कम करने को प्रोत्साहन देने वाली कई सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया।