नयी दिल्ली । कांग्रेस (Congress) ने जनगणना नहीं कराने को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए आज कहा कि आजादी के बाद से देश में नियत समय पर लगातार होने वाली जनगणना कराने में वह विफल रही है और उसे राज्यों सरकारों (State Governments) द्वारा कराए जाने वाली जातीय गणना के काम का इस विरोध नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना कराने में विफल रही है जबकि इंडोनेशिया, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे अन्य कई विकासशील और जी-20 (G-20 ) की सदस्य के देश कोविड -19 के बावजूद जनगणना कराने में कामयाब रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत (India ) अपनी बारी से अनुसार 18वें जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है लेकिन मोदी सरकार ने नियत समय पर जनगणना नहीं करा सकी और यह उसकी बड़ी विफलताओं में से एक है। यह सरकार इतनी अयोग्य और अक्षम है कि वह 1951 से तय समय पर होने वाली भारत की सबसे महत्वपूर्ण सांख्यिकीय प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ रही है। आज़ाद भारत के इतिहास में यह सरकार की सबसे बड़ी और अभूतपूर्व विफलता है।
प्रवक्ता ने कहा, मोदी सरकार (Modi government) न केवल जनगणना कराने में विफल रही है बल्कि इसने 2011 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा कराई गई सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना को भी दबा दिया है। इसने उच्चतम न्यायालय में बिहार सरकार के राज्य-स्तरीय जाति जनगणना के प्रयास का भी विरोध किया है और इस तरह के प्रयास का विरोध नहीं करना चाहिए।
उन्होंने एक पत्रिका में सभी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस विफलता के कारण एक अनुमान के अनुसार 14 करोड़ भारतीयों को उनके भोजन के अधिकार से वंचित कर दिया है। इसके तहत 67 प्रतिशत भारतीय भोजन के लिए राशन पाने के हक़दार हैं। चूंकि मोदी सरकार 2021 में जनगणना कराने में विफल रही, इसलिए यह 2011 की जनगणना के आधार पर केवल 81 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा मिल पा रही है।