जाली नोट तस्करी मामले के दोषी को 7 साल का कारावास

पटना। एनआईए (NIA) पटना की विशेष अदालत ने पूर्वी चंपारण में जाली नोट तस्करी मामले के दोषी को 7 साल सश्रम कारावास (Rigorous imprisonment) की सजा सुनाई है। साथ ही उसपर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी का नाम अबी मोहम्मद अंसारी (Abiy Mohammad Ansari) है, जो नेपाल के बारा जिले के रहने वाला है। इस संबंध में NIA के एसपी मुकेश सिंह (SP Mukesh Singh) ने मंगलवार सुबह बताया कि 30 सितंबर, 2015 को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने गति किनतेत्सु एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कुरियर कंपनी के पास से मोहम्मद अली अख्तर अंसारी को गिरफ्तार किया था। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से 500 रुपये के उत्तम गुणवत्ता वाले 25 लाख 43 हजार के जाली नोट बरामद किए गए थे। पूछताछ  करने पे पता चला कि अंसारी इस रुपये को नेपाल के रहने वाले अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद के पास पहुंचाने वाला था। उसकी निशानदेही पर नबी मोहम्मद को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

अधिक जांच हुई तो पता चला कि सैयद मोहम्मद शफी नाम के पाकिस्तानी नागरिक, जो यूएई (UAE) में रह रहा था, उसी ने इंटरनेशनल कूरियर सर्विस (International Courier Service) के जरिए इस जाली नोट को रक्सौल की कोरियर कंपनी के पास भेजा था। वहां से मोहम्मद अली अख्तर अंसारी इस नोट को लेकर नबी के पास पहुंचने वाला था। इसकी जानकारी मिलने के बाद NIA ने केस को टेकओवर किया और 15 मार्च, 2016 को नए सिरे से प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद इन दोनों के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई। अब नबी को सात साल की सश्रम कारावास (rigorous imprisonment) और 50 हजार रुपये जमाने की सजा सुनाई गई है।

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