नयी दिल्ली। धोखाधड़ी के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 40.22 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है। ये संपत्तियां शीतल कुमार मनेरे, उनके परिवार के सदस्यों और शीतल जिनेंद्र मगदुम की हैं।
ईडी ने ट्विट कर बताया कि धोखाधड़ी के एक मामले में धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 प्रावधानों के तहत 40.22 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है। यह संपत्ति शीतल कुमार मनेरे, उनके परिवार के सदस्यों और शीतल जिनेंद्र मगदुम की है।
एजेंसी के मुताबिक आरोपितों ने कथित तौर पर रियल एस्टेट कारोबार में निवेश करने के बहाने एक व्यवसायी से 525 करोड़ रुपये की ठगी की है। जब्त कुल 12 संपत्तियों में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थित भूमि, वाणिज्यिक परिसर, पवन चक्की, आवासीय अपार्टमेंट और घर शामिल हैं।
ईडी के मुताबिक हुबली के अशोकनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन कानून के तहत जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पता चला कि मनेरे ने अन्य आरोपितों के साथ साजिश रचकर शिकायतकर्ता संजय दानचंद घोड़ावत से दोस्ती की और उसे रियल एस्टेट परियोजनाओं में 525 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इस जांच से पता चला कि इस धनराशि को डायवर्ट करके मनेरे, उनके परिवार के सदस्यों और शीतल जिनेंद्र मगदुम के साथ-साथ कुछ अन्य व्यक्तियों के व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर दिया।