नई दिल्ली। भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के बलिदान दिवस पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी संगठन , स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति तथा शहीद स्मृति चेतना समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अनुराग सिंह ठाकुर सूचना प्रसारण मंत्री भारत सरकार उपस्थित हुए तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अजय कुमार मिश्रा, गृह राज्यमंत्री स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग, जगदंबिका पाल, सांसद लोकसभा, श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी राजमाता सांसद लोकसभा की गरिमामयी उपस्थिति रही।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वन्देमातरम से की गई शहीद भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ ही अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी समिति के पूर्व अध्यक्ष स्व. एन.आर. मथाड, स्व. कृष्ण कांत लहकर, कोषाध्यक्ष स्व. विक्रम चोपड़ा एवं शहीद स्मृति चेतना समिति के संस्थापक स्व. रवि चंद्र गुप्ता के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों का स्मरण करके उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलियां अर्पित की गईं।
कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी संगठन के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि देशभर के लगभग 40 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन मिलकर अपने स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की स्मृति में प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 बजे 10 मिनट शहीदों के नाम कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसमें भारी संख्या में लोग एकत्रित होकर प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को अपने स्वतंत्रता सेनानियों /शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश भर में स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन अपने स्तर पर प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी/ शहीदों के स्मारकों तथा जन्म स्थान पर जाकर उनकी पद रज एकत्रित कर रहे हैं, जिसको जनपदवार कलशों में संग्रहीत किया जा रहा है।
उन्होंने देश भर में जनपदवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/ शहीदों के फोटो सहित स्मारिकाओं को प्रकाशित कराने की भी जानकारी दी। जितेन्द्र रघुवंशी ने इस बात पर आक्रोश जाहिर किया कि देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों के संगठनों ने कई बार भारत सरकार को प्रतिवेदन देकर दिल्ली में एक *राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल* बनाने की मांग की गई, लेकिन आज तक भी केन्द्र सरकार ने उदासीनता ही दिखाई है।
अब देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों के संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि देश भर से जनपदवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/शहीदों के पद रज कलश एवं स्मारिकाओं को लेकर भारी संख्या में स्वतंत्रता सेनानी और उत्तराधिकारीगण अक्टूबर माह में दिल्ली में इकट्ठा होंगे और तब तक धरना प्रदर्शन करेंगे जब तक सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी मेमोरियल में इन पद रज कलशों तथा स्मारिकाओं को सम्मान पूर्वक स्थापित नहीं कर देगी।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी संगठन के संस्थापक नित्यानंद शर्मा ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश भर के स्वतंत्रता सेनानी संगठन कई वर्षों से सरकार से यह मांग करते चले आ रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों की जीवनियों को शामिल किया जाए, लेकिन सरकार ने अभी तक इस ओर कोई निर्णय नहीं लिया है।
गृह राज्य मंत्री स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि केन्द्र सरकार स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के मान सम्मान में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा इस कार्यक्रम के माध्यम से अथवा ज्ञापनों के माध्यम से जिन बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है, वे उनके निस्तारण के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करेंगे।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी अपने श्रद्धा सुमन शहीदों को अर्पित करते हुए कहा कि देश स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुला सकता है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर शीघ्र ही विचार कर निर्णय लिए जाने का भरोसा दिलाया और कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
अध्यक्षता कर रहे लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब ने अपने संबोधन में कहा कि अब निश्चित रूप से स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा संगठित रूप से उठाई गई आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। हम यथासंभव शीघ्र अति शीघ्र सरकार से इस विषय पर चर्चा करके स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान तथा उनके उत्तराधिकारियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
श्रद्धांजलि सभा को लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल तथा ने भी संबोधित किया। प्रेम कुमार शुक्ला, रमेश कुमार मिश्रा, कपूर सिंह दलाल, राम महेश मिश्रा, सुरेश चंद्र बबेले, अशोक कुमार रायचा, रमेश चंद्र सविता, राजेश प्रताप सिंह, अवधेश पंत, महंथ प्रजापति, सूर्य प्रकाश पांड आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए।