लाठीचार्ज मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक अहम निर्णय में देहरादून में पेपर लीक मामले में हिंसक प्रदर्शन करने वाले सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देशश दिये। पिछले सप्ताह शुक्रवार को जारी आदेश की प्रति आज प्राप्त हुई।

याचिका में प्रदेश में एक के बाद एक सामने आ रहे सभी पेपर लीक प्रकरणों की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की मांगे की गयी थी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने न्यायालय को बताया कि सरकार पेपर लीक मामलों को लेकर बेहद गंभीर है।

पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अभी तक 70 आरोपी सलाखों के पीछे जा चुके है तथा प्रकरण की जांच अभी जारी है। सुनवाई के दौरान उन्होंने अदालत के समक्ष हिंसक प्रदर्शन के कुछ तथ्य भी पेश किये।

न्यायालय ने कहा कि प्रशासन की अनुमति से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करना मौलिक अधिकार है लेकिन इसके बहाने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसक प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। न्यायालय ने पेपर लीक प्रकरणों की सीबीआई जांच के मामले में सरकार को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने और जांच की वस्तुस्थिति से भी अवगत कराने को कहा है।

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