लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पारंपरिक फसलों के साथ साथ औद्यानिक और औषधीय फसलों से अन्नदाता अपनी आय को दोगुना-तीन गुना कर सकते हैं।
राजभवन में लगी 54वीं प्रादेशिक फल शाक भाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद प्रगतिशील किसानों को संबोधित करते हुए श्री योगी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्नदाताओं की आमदनी को कई गुना बढ़ाने पर चर्चा करते हैं। अन्नदाताओं की आमदनी बढ़ाने के मामले में परंपरागत खेती से कई गुना ज्यादा क्षमता औद्यानिक फसलों में है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में ऐसे भी किसान हैं जिन्होंने एक हेक्टेयर की खेती में 29 लाख रुपया का नेट प्रॉफिट कमाया है। औद्यानिक खेती से जुड़े सभी किसानों की सफलता की अपनी कहानी है। इसके जरिये प्रगतिशील किसानों ने प्रदेश के परंपरागत खेती करने वाले सभी अन्य किसानों के सामने एक नया मानक प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी एक कृषि प्रधान देश है।
प्रकृति ने हमारे किसानों को पर्याप्त जल संसाधन और उर्वरा भूमि दी है। देश की 11 फीसद कृषि भूमि वाला हमारा प्रदेश भारत की 20 प्रतिशत आबादी की खाद्यान जरूरतों को पूरा करता है। पूरी कृषि जीडीपी में हमारे अन्नदाताओं 25 फीसदी औद्यानिक फसलों का योगदान देते हैं। ऐसी पुष्प प्रदर्शनियां प्रगतिशील किसानों को एक नया मंच प्रदान करते हैं।
योगी ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ प्रत्येक स्टॉल पर जाकर विभिन्न प्रकार की सब्जियों, फूलों, औषधीय फसलों, टिशू कल्चर से उत्पादित फसल, शहद आदि का अवलोकन किया। इस दौरान फूलों से बनायी गयी राम मंदिर की प्रतिकृति और विशाल शिवंिलग को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। प्रदर्शनी में सब्जियों की सभी प्रजातियों को देख मुख्यमंत्री ने उन्हें उपजाने वाले किसानों की प्रशंसा की।