नयी दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार राजधानी में लोगों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति कराने, बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनाधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।
सिसोदिया ने बताया कि केजरीवाल सरकार बेहतर सीवरेज प्रबंधन और 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। इसी के तहत मुंडका विधानसभा क्षेत्र में दो अनाधिकृत कॉलोनियों और तीन गावों में कुल 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। इसके साथ ही लोगों के घरों में सीवर कनेक्शन भी दिया जाएगा यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में मल छोड़ा जाता है, जोकि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है।
इससे प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए सरकार ने हर घर को सीवर से जोड़ने का निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि मुंडका में बनाए जाने वाले सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) से शोधित पानी के रीसाइकिलिंग (पुनर्चक्रण) और दोबारा उपयोग पर जोर दिया जाएगा। एसटीपी से आने वाला उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी बेहत उपयोगी है।
इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सीवर के पानी को पंप कर एसटीपी तक पहुंचाने के लिए मुंडका में छह एमएलडी और 15 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज पंिपग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा।
जिन घरों से इंटरनल सीवर लाइन जुड़ी होगी, वहां से पानी को एसटीपी तक पहुंचाने के लिए सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) अहम भूमिका निभाएगा। इन दोनों सीवेज पपिंग स्टेशन में पानी ओवरफ्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए जाएंगे। इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी कि सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार अनाधिकृत कालोनियों में निशुल्क सीवर कनेक्शन दे रही है। यह योजना सीवरेज प्रबंधन और यमुना को साफ करने में अहम साबित होगी। पहले सीवर कनेक्शन लेना बहुत महंगा था। सीवर कनेक्शन लेने के लिए लोगों को विकास, कनेक्शन और रोड कटिंग शुल्क देना पड़ता था। दिल्ली सरकार ने इसे निशुल्क कर दिया है।