नयी दिल्ली । कांग्रेस के हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाये जाने की मांग पर राज्यसभा में सदन नेता पीयूष गोयल ने कहा कि इस समिति का गठन आरोप सिद्ध होने पर या सरकार के विरूद्ध किसी आरोप को लेकर किया जाता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच जेपीसी से कराने की कई बार मांग की जिस पर गोयल ने कहा कि कोई आरोप सिद्ध होने पर ही जेपीसी का गठन किया जाता है। इसके साथ ही सरकार पर कोई विशेष आरोप हो तब इस समिति का गठन किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि देश में अब तक अलग अलग मामलों को लेकर सात बार जेपीसी का गठन किया जा चुका है। इससे पूर्व खड़गे ने कहा कि एक व्यक्ति की दो साल में 12 लाख करोड़ कह संपत्ति कैसे हो जाती है। एक व्यक्ति उस पर कब्जा करके बैठा है। इसलिए जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए।
हिंडनबर्ग घोटाले वाले यदि हरिशचंद्र बनकर निकले तो हम उनके गले में माला डालेंगे। सरकार जेपीसी से भाग रही है। देश में एक स्वर से जेपीसी की मांग की जा रही है और यह देश हित में है। लोकतांत्रित संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाये कि आज लोगों को सच बोलने नहीं दिया जा रहा है।
सच लिखने नहीं दिया जा रहा है। पत्रकारों को जेल भेजा जाता है। टीवी पर सच्ची बात करने वाले एंकर को हटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान पर चलेंगे जो सबको सुख शांति मिलेगी।