नयी दिल्ली। राज्यसभा में हिडेनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर हंगामा जारी रहा। बजट सत्र में लगातार दूसरे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी है। सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही शुरू करते हुए निजी विधेयक पेश किये जाने का उल्लेख किया तभी कुछ विपक्षी सदस्य जोर जोर से बोलने लगे। इस दौरान आम आदमी पार्टी के संजय सिंह अपनी सीट से उठकर सदन के बीचोबीच आने की कोशिश करने लगे।
धनखड़ ने कहा कि जब सभापति ने व्यवस्था दे दी है तो उस पर किसी भी सदस्य को बोलने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। सदन करोड़ों देशवासियों के हितों में काम नहीं कर रहा है और करोड़ों रुपये बहाये जा रहे हैं। इस दौरान भी सिंह अपनी सीट से उठकर गलियारे में खड़े और कुछ जोर-जोर से बोलते देखे गये।
इस पर सभापति ने सिंह का नाम लेते हुये कहा कि आप अपनी सीट पर चले जायें। उन्होंने हंगामा करने वाले सदस्यों को चेतावनी देते हुये कहा कि अभी सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित की जा रही है लेकिन सोमवार को हंगामा करने वाले सदस्यों पर कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह में धनखड़ ने नियम 267 के अंतर्गत 15 सदस्यों के स्थगन नोटिस मिलने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये नोटिस प्रावधानों के अनुरूप नहीं होने के कारण खारिज किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रमोद तिवारी और एमी याग्निक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की प्रियंका चतुर्वेदी, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम के तिरुचि शिवा, वामपंथी दलों के जॉन ब्रिटास, के इलावराम और के शिवदासन, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के केशव राव तथा अन्य सदस्यों ने दिए हैं। इसके बाद सभापति ने सदन में शून्यकाल चलाने का प्रयास किया तो कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य जोर-जोर से बोलने लगे। सभापति ने कहा कि सदन में व्यवस्था होने के बाद ही कार्यवाही का संचालन किया जा सकता है।