विनोद कुमार बिष्ट संभाला नाबार्ड उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय का कार्यभार

देहरादून। मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने  नाबार्ड, उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय का कार्यभार ग्रहण किया। विनोद कुमार बिष्ट ने मत्स्य प्रबंधन में आईसीएआर- केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षण संस्थान, मुंबई से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की।

बैंकिंग की विभिन्न विधाओं में महारथ रखने वाले श्री विनोद कुमार बिष्ट 1988 से नाबार्ड में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। पिछले 34 वर्षों की सेवा अवधि में नाबार्ड के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों यथा पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, हरियाणा, झारखण्ड में अधिकारी के रूप में अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

आपने नाबार्ड के स्टाफ कॉलेज लखनऊ में अपने अध्यापन के माध्यम से नाबार्ड के नवनियुक्त अधिकारियों को कार्यदक्ष बनाने में अहम योगदान दिया है। झारखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक रहते हुए आपने कई नवोन्मेषों के माध्यम से कृषकों व ग्रामीणों के जीवन को सरल व सुखद बनाया।
प्रसंगवश, श्री बिष्ट उत्तराखण्ड के ही निवासी है।  बिष्ट अल्मोड़ा व बागेश्वर जिलों के जिला विकास प्रबंधक के रूप में कार्य कर चुके हैं । वे राज्य की परिस्थितियों, चुनौतियों और अवसर की संभाव्यता से भली भांति परिचित हैं।
2001 में राज्य के गठन के समय से ही नाबार्ड, उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय, राज्य सरकार के साथ कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास तथा विशेष रूप से ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने में सहयोग कर रहा है।

बिष्ट का मानना है कि अपनी मातृभूमि के विकास में योगदान देना उनके लिए हर्ष का विषय है तथा राज्य की सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण व पलायन पर गहनता से कार्य करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सूक्ष्म वित्त सुविधाओं की उपलब्धता को आसान करने पर जोर दिया जाएगा जिसमें स्वयं सहायता समूह व संयुक्त देयता सूमह को प्राथमकिता दी जाएगी।
चूंकि राज्य की कृषि जोत छोटी एवं बिखरी हुई है अतः कृषि के प्रति उदासीनता को एकत्रीकरण के माध्यम से दूर करने पर ध्यानकेंद्रीत किया जाएगा। एकता की शक्ति को चरितार्थ करने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों का संवर्धन तथा उनके उत्पादों के लिए मार्केटिंग की सुविधा के सृजन को ओर अधिक गति दी जाएगी।

उत्तराखण्ड की पारंपरिक विरासत को संभालने तथा उसे आगे बढ़ाने के लिए भूमिहीन कास्तकारों व कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, मार्केटिंग के लिए रूरल मार्ट और ओएफपीओ बनाने आदि के माध्यम से सहयोग करना श्री बिष्ट की प्राथमिकता रहेगी।

जलवायु परिवर्तन आज विश्व के समाने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में ऊभरा है तथा उत्तराखण्ड ने पिछले कुछ वर्षों से इसके अनकों रूपों को देखा है। अतः कृषि के क्षेत्र में समय रहते इसके प्रभाव को कम करने के प्रति जागरूकता तथा उसके प्रति अनुकूलन समय की मांग है।

इसलिए लिए एक मजूबत कृषि तंत्र बनाने पर जोर देना होगा। नाबार्ड राज्य सरकार के साथ मिलकर इस तरह की आधुनिक व तकनीकी कृषि के विकास के लिए कार्य करेगा। साथ ही राज्य के सहकारी बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के संस्थागत विकास में सहयोग, अन्य हितधारकों के साथ समन्वय कर विकासात्मक कार्यों को आगे बढ़ाने पर भी फोकस रहेगा।

 

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