मास्को ।रूस के सबसे बड़े एयरलाइंस कंपनी एयरोफ्लोट के 357 विमानों में से 13 विमानों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रखरखाव या उड़ान के दौरान विदेशों में जब्त कर लिया गया है।
यह जानकारी कंपनी के सीईओ सर्गेई अलेक्जेंड्रोवस्की ने बुधवार को दी। उन्होंने रूसी मीडिया को एक साक्षात्कार में कहा, वर्तमान में 357 विमान हमारे एयरोफ्लोट कंपनी में पंजीकृत हैं जिसमें से 13 विदेशी निर्मित विमानों को रूस के बाहर जब्त कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश विमानों को रखरखाव या अंतरराष्ट्रीय उड़ान के दौरान जब्त किया गया है। एयरोफ्लोट के सीईओ ने यह भी कहा कि 89 विमान बिना डबल रजिस्ट्रेशन वाले हैं लेकिन कंपनी इनकी संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा,पंजीकरण और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। अंतरराष्ट्रीय परिवहन से जुड़े कई अन्य प्रतिबंध हैं। दोहरे पंजीकरण के अलावा, अमेरिकी ब्लैकलिस्ट भी हैं। अमेरिका-निर्मित घटकों वाले 30 प्रतिशत से ज्यादा विमानों के उपयोग पर प्रतिबंध हैं।
लेकिन ये 30 प्रतिशत क्या है कोई भी निश्चित तौर पर नहीं जानता कि यह पैसे में है, इकाइयों में है या इंजनों में है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ईंधन भरने और ग्राउंड हैंडलिंग सहित विमानों की सर्विंसिग से संबंधित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध है। रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर सैन्य अभियान चलाने के बाद से रूसी विमानन को बड़े स्तर के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों ने रूसी वाहकों को विमानों और उनके पुर्जों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और यूरोप की लीज पर विमान देने वाली कंपनियों को रूस से सभी विमानों को वापस लेने के लिए बाध्य कर दिया है।
कुछ देशों ने रूस के लिए अपना हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और विदेशों में पंजीकृत और लीज वाले विमानों को जब्त करने की धमकी दी है।
मार्च में, रूसी परिवहन मंत्री विटाली सेवेलिव ने कहा था कि पश्चिमी पट्टेदारों ने रूस से अनुरोध किया है कि वह 500 से ज्यादा विमानों को वापस कर दे।