नैनीताल। पर्वतीय क्षेत्रों में मानव-वन्य जीव संघर्ष तथा तेंदुओं के हमले को लेकर राज्य सरकार को एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं। देहरादून निवासी अनु पंत की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश दिये।
इसके साथ ही न्यायालय ने दो सप्ताह के अंदर विशेषज्ञों से वार्ता करने के बाद मानव-वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए उठाये गये कदमों के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता की ने अदालत को बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
अधिकांश पर्वतीय जिले इससे प्रभावित हैं। यहाँ मानव जीवन खतरे में है। औसतन प्रत्येक वर्ष 60 लोग तेंदुओं के शिकार होते हैं। सन् 2020 में 30 लोग मारे गये थे जबकि 85 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि यही नहीं इससे पलायन में बढ़ोतरी हो रही है। पलायन आयोग ने भी माना है कि सन् 2016 में 6 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हुए हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले साल 27 अप्रैल की तिथि नियत की है।