नयी दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कवियित्री कुसुम चौहान की काव्यकृति ‘दिल के कोने में’ का विमोचन नई दिल्ली के हिमालय भवन में किया। इस अवसर पर डॉ. निशंक ने कहा कि कुसुम चौहान ने अपनी पुस्तक में नारी के मन की भावनाओं और संवेदनाओं को बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति दी है। छोटी-छोटी किन्तु सारगर्भित क्षणिकाओं के माध्यम से कवियित्री कुसुम चौहान ने दिल के कोने में सुप्त पड़ी भावनाओं को उजागर करके एक बेहतरीन काव्य संग्रह की रचना की है।
प्रसिद्द साहित्यकार एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय मुंबई के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर करुणा शंकर उपाध्याय ने कहा कि कुसुम चौहान की यह पुस्तक घर, परिवार और समाज में स्त्री के संघर्ष को इंगित करती है।
साहित्यकार और केन्द्रीय विश्वविद्यालय मिजोरम के हिंदी विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि कुसुम चौहान की इस पहली काव्य कृति का हिंदी जगत में निश्चित रूप से स्वागत किया जाएगा।
कवियित्री कुसुम चौहान ने सभी उपस्थित विद्वतजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘दिल के कोने में’ पुस्तक में संग्रहित कवितायेँ उनके द्वारा काफी समय पहले से रची गई। कई वर्षों बाद इनको पुस्तक का आकार मिल पाया है।
इस अवसर पर डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आनंद प्रकाश त्रिपाठी, शिवाजी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दर्शन पाण्डेय, जाकिर हुसैन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मशरूर अहमद बेग, स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व निर्देशक प्रोफेसर एच.सी. पोखरियाल, गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एच.सी. वाघेला, पुस्तक के प्रकाशक अनंग प्रकाशन के स्वामी सत्यभान सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. राहुल देव, साहित्यकार डॉ. बेचैन कण्डियाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि कुसुम चौहान गढ़वाली और कुमाऊनी फिल्मों की एक प्रसिद्द अभिनेत्री और रंगमच की एक प्रुमख कलाकार हैं। उनके द्वारा हिंदी, पंजाबी एवं भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय किया गया है।