बेटियों की हत्या से आहत हरीश रावत ने लिया यह फैसला

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छावला से लेकर अंकिता हत्याकांड तक व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाने के साथ ही इन दोनों ही प्रकरणों को लेकर एक रात धरने पर बैठने का ऐलान किया है। हालांकि धरने की तारीख कांग्रेस नेताओं से विचार के बाद घोषित करने की बात कही है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई पोस्ट में हरीश रावत ने छावला कांड की शिकार उत्तराखंड की बेटी और अंकिता भंडारी केस में शामिल कथित वीआईपी के नाम को लेकर कई सवाल उठाए हैं।

बकौल हरीश रावत, दिल्ली में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हमारी जिस बेटी को अनामिका कहा। दूसरा निर्भया कांड। एक वीभत्सतम् बलात्कार और हत्या। प्रश्न है फिर हत्यारे कौन? फिर बलात्कारी कौन? फिर वह क्रूरतम चेहरे कौन? व्यवस्था से बड़ा सवाल।

उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या होती है, क्योंकि उसने अपने रिजॉर्ट के मालिक का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। रिजॉर्ट का मालिक उसकी सेवाओं को अपने रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी को प्रेषित करना चाहता था, आखिर वह वीआईपी कौन? ये ऐसे सवाल हैं जो प्रत्येक उत्तराखंडवासी के मन को मथ रहे हैं! ये सवाल हैं जो प्रत्येक मां, बहन, बेटी के चेहरे पर अंकित हो गए हैं! इनका उत्तर व्यवस्था को देना है।

मैंने जब हरिद्वार में लोकतंत्र की हत्या और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के प्रश्न पर अपनी बेटी अनुपमा रावत के साथ बहादराबाद थाने में एक निरंतर, घंटो-घंटो, 48 घंटे से भी ज्यादा चले धरने पर बैठा, सोया था, तो हमारे दोस्तों ने सवाल उठाया था कि अपनी बेटी के संघर्ष में तो आप रात भर थाने के बाहर सोए, उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी के लिए कब सोओगे?

मैं उन भाइयों से कहना चाहता हूं उनकी पुकार मेरे मन में अंकित है। जो एसआईटी बनी है अंकिता हत्याकांड की जांच के लिए! व्ह वीआईपी कौन? अनामिका का हत्यारा कौन? इन सब प्रश्नों को लेकर मैं एक रात धरने पर बैठूंगा। जिसकी तिथि कांग्रेस के अपने दूसरे नेतागणों से परामर्श कर घोषित करूंगा।

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