भागलपुर। बिहार में मिड-डे मील खाने से 200 से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। मामला भागलपुर के नवगछिया प्रखंड के महदतपुर गांव स्थित महदतपुर मध्य विद्यालय का है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गई।
इसके बाद सभी बच्चों को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। सभी बच्चों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इधर, घटना के बाद अफरातफरी का माहौल हो गया। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। परिजनों के मुताबिक मिड-डे मील खाने से 200 से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए। उनमें से कुछ ठीक होकर घर लौट आए। बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा बच्चों की हालत गंभीर है। हालांकि खतरे से बाहर है।
इधर, छात्रों ने प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बच्चों का आरोप है कि छिपकली मिलने के बाद भी प्रधानाध्यापक ने छात्रों को जबरदस्ती खाना खिलाया। बताया जा रहा है कि गुरुवार को मध्याह्न भोजन की तालिका के अनुसार बच्चों को चावल, दाल और सब्जियां खिलाई गईं. खाना खाने के कुछ देर बाद ही बच्चे बीमार होने लगे। किसी बच्चे को उल्टी होने लगी तो किसी को चक्कर आने लगे। इसके बाद आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने प्रशासन को सूचना दी और बच्चों को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बताया जा रहा है कि एक छात्र की थाली में छिपकली मिली थी। इसकी शिकायत देहमास्टर चित्तरंजन प्रसाद सिंह से की गई तो उन्होंने कहा कि बैगन की डंडी है, चुपचाप खा लो। कुछ छात्रों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने खाने से मना किया तो प्रधानाध्यापक ने उन्हें जबरदस्ती खाना खिलाया।
इधर घटना की सूचना पाकर नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार अनुमंडल अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना. उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। वहीं, प्रखंड शिक्षा अधिकारी विजय कुमार झा ने बताया कि 200 छात्रों की तबीयत खराब है सभी का इलाज चल रहा है। बच्चों की शिकायत है कि खाने में छिपकली मिली है। जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।