शिमला। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और सभी सेब उत्पादक राज्यों के मंत्रियों के साथ सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की थी लेकिन सेब पर लगने वाले आयात शुल्क को नियमित कोड उत्पाद होने के कारण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जा सकता।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विशेष प्रावधानों के तहत आयात शुल्क को बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जा सकता है लेकिन यह 100 प्रतिशत नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा,‘‘ सेब पर लगने वाला आयात शुल्क 50 प्रतिशत की सीमा दर से ऊंचा नहीं हो सकता और विशेष दर पहले ही 70 प्रतिशत कर दी गयी हैं। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्री होने के नाते सेबों का बड़ी संख्या पर आयात उन क्षेत्रों को प्रभावित करता है, जहां सेबों की घरेलू आपूर्ति नहीं है और केरल के कोच्चि समेत ऐसे स्थानों पर सरकार सेब एवं अन्य फलों के आयात पर प्रतिबंध लगाकर उनकी उपलब्धता की जांच नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के तटीय क्षेत्रों के बाजार में घरेलू सेब की आपूर्ति करना संभव नहीं है और ये विदेशी सेबों के बड़ी संख्या में उपलब्ध होने से प्रभावित नहीं हो सकते। वर्ष 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने सेब को विशेष श्रेणी के उत्पादों के तहत लाकर आयातित शुल्क को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का वादा किया है जिससे घरेलू सेब किसानों के हितों की रक्षा हो सके।