आसनसोल। तृणमूल सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से निश्चित तौर पर लाभ होने जा रहा है।
उनका निजी अनुमान है कि सिर्फ इस यात्रा से ही आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सीटों की संख्या बढ़कर दोगुणी हो जाएगी। बता दें कि वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें ही मिली थी।
स्थानीय सांसद श्री सिन्हा ने कहा कि अब इस यात्रा और उसके प्रति राहुल गांधी की दृढ़निश्चय उनकी पूरी छवि को ही बदल रहा है। जनता के बीच भी इस यात्रा का बहुत बेहतर संदेश जा रहा है। इसलिए पार्टी को इससे फायदा होगा।
दरअसल इस एक यात्रा ने अनेक इलाकों में मृतप्रायः कांग्रेस संगठन को भी नये सिरे से जिंदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी कारों से रथयात्रा करने वाले भाजपा नेताओं को इस पैदल यात्रा से परेशानी हो रही है, यह साफ है क्योंकि इस यात्रा में राहुल के तेवर और उनकी बातों ने जनता को भाजपा से सवाल करना सीखा दिया है। अब भाजपा के लोग जनता के सवालों के घबड़ा रहे हैं। भाजपा ने कभी राहुल गांधी को आगे नहीं बढ़ने देने की साजिश के तहत पप्पू कहकर पुकारा था और सोशल मीडिया में बहुत मजाक उड़ाया था।
इससे राहुल गांधी की एक नकारात्मक छवि बनायी गयी थी। अब इसी पप्पू की यात्रा से भाजपा नेताओं के जुबान पर ताले लग गये हैं। जिन इलाकों से यह यात्रा गुजरी है, वहां की आम जनता ने राहुल को नेता स्वीकार कर लिया है।
इस क्रम में श्री सिन्हा ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दरअसल हिंदुत्व का कार्ड खेलने में ही भाजपा को फंसा दिया है। पहले इस विषय पर भाजपा अपना एकाधिकार मानती थी। अब केजरीवाल ने नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की छवि लगाने की मांग कर भाजपा को निरूत्तर कर दिया है। इतना तो स्पष्ट होता जा रहा है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से चुनावों पर असर पड़ने जा रहा है। बार बार राम मंदिर और अन्य मुद्दों पर हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा को अरविंद की इस चाल का कोई काट अब तक नहीं सूझ रहा है। इसलिए वे परेशान हो रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को किसी दूसरे नेता ने ऐसा फंसाया है।
उन्होने कहा कि वर्ष 2024 के चुनाव में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्ज की बहुत प्रमुख भूमिका होगी और उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस और तृणमूल के रिश्ते इस बीच और बेहतर होंगे। उन्होंने रहा कि भाजपा हर बार प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन के सवाल पर विपक्ष को फंसाती रही है। इस बार वह चाल कामयाब नहीं होगी। आसनसोल में उनके लापता होने के पोस्टरों पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा की पुरानी चाल है, जिन्हें जनता भी अच्छी तरह समझती है। अब यहां छठ के आयोजन पर मौजूद होने के बाद भी ऐसे पोस्टरों पर प्रतिक्रिया देने का कोई मतलब नहीं है।