हल्द्वानी । पिछले तीन दिन से मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने गांव मोहनरी में हैं। वे पूजा पाठ में व्यस्त हैं और समय मिलने पर लोगों से मिलने या भी फेसबुक में अपनी पोस्ट से सरकार और नीति नियंताओं को सावधान भी कर रहे हैं।
अब उन्होंने ताजा पोस्ट में सीएम पुष्कर सिंह धामी से लैंसडाउन का नाम बदलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना उत्तराखंड के लिए नुकसानदायक होगा।
इसके लिए पूर्व सीएम ने कई दलीलें दी हैं। मसलन वे कहते हैं कि अब लैंसडाउन एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। मोस्ट साट आफ्टर डेस्टिनेशन है उत्तराखंड की इस समय। फिर गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर का घर है।
पहले ही अग्निवीर योजना के जरिए रेजिमेंटों की परंपरा को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा चुका है। अब जिस नाम से दुनिया जानती है कि गढ$वाल रेजीमेंट, गढ़वाल के महावीरों का घर लैंसडाउन। हमें नाम की उन बुलंदियों तक पहुंचने में बहुत वक्त लगा है। फिर आज समय बदल गया है।
रावत लिखते हैं कि जिनके हम गुलाम रहे उस देश का प्रधानमंत्री आज भारतीय मूल का एक हिंदू है, जिस पर हमें गर्व होना चाहिए।
फिर किस-किस नाम को बदलेंगे! एवरेस्ट, जिम कॉर्बेट, रानीखेत और नैनीताल के क्लब जो अंग्रेजों की परंपरा से जुड़े हुए हैं।रानीखेत और मसूरी का कैथोलिक चर्च। क्या इनके नाम भी सरकार बदल सकती है।