अपराधों से निपटने के लिए रणनीति बनायें राज्य: शाह

नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि अपराधों का स्वरूप बदल रहा है और इनके सीमारहित होने से सभी राज्यों को मिलकर साझा रणनीति बनाकर इनके खिलाफ लड़ना होगा।

शाह ने गुरूवार को यहां राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिन के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह शिविर देश के सामने मौजूद सभी चुनौतियों, साइबर अपराध, नारकोटिक्स का प्रसार और सीमापार आतंकवाद आदि का मिलकर सामना करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि अपराधों का स्वरूप बदल रहा है और ये सीमारहित हो रहे हैं, इसीलिए सभी राज्यों को मिलकर एक साझा रणनीति बनाकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। इस साझा रणनीति को बनाने और इस पर अमल के लिए सरकार ‘‘सहकारी संघवाद’, तथा ‘टीम इंडिया’ एप्रोच के तहत केंद्र और राज्यों में कोआपरेशन, कोआर्डिनेशन, कोलैबोरेशन को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि समाज को भयमुक्त बनाना तथा अपराध पर काबू पाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है इसलिए सभी राज्यों द्वारा मिलकर चिंतन करते हुए साझा रणनीति बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जो पहले कभी हिंसा और अशांति के ‘हॉट स्पॉट’ होते थे, वो अब विकास के ‘हॉट स्पॉट’ बन रहे हैं।

वर्ष 2014 के बाद से उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी आयी है। सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्­या में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्­यु में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम हटने से शांति बहाली हुई है।

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में सुधार पर श्री शाह ने कहा कि इन क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है और इन घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 85प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां शांति और प्रगति की एक नई शुरूआत हुई है।

वहां आतंकवादी घटनाओं में 34% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 54 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इस पर निर्णायक जीत हासिल करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेन्सी और अन्य ऐजेंसियों को मजबूत किया जा रहा है। वर्ष 2024 से पहले सभी राज्यों में एनआईए की शाखा स्थापित करके आतंकवाद-रोधी नेटवर्क खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत के लिए कानूनी खाके को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के आपसी सहयोग और समन्वय के ही कारण आज देश के अधिकांश सुरक्षा ‘हॉटस्पॉट’ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गए हैं।

साइबर अपराध को देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इसके खिलाफ लड़ाई में कमर कस कर तैयार है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय केन्द्रीय दंड प्रक्रिया संहिता , भारतीय दंड संहिता और विदेशी अंशदान अधिनियम में सुधारों पर लगातार काम कर रहा है और जल्द ही इनका संशोधित खाका संसद में पेश किया जाएगा।

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